

धीरेंद्र शास्त्री ने वृंदावन पहुंचकर प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की। बीमार चल रहे प्रेमानंद जी का हाल जाना और सनातन एकता यात्रा से पहले उनका आशीर्वाद लिया। दोनों संतों की यह मुलाकात धर्म, प्रेम और एकता का संदेश लेकर आई।
प्रेमानंद महाराज से मिले धीरेंद्र शास्त्री (फोटो- इंटरनेट)
Vrindavan: वृंदावन की पावन भूमि एक बार फिर अध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो उठी, जब बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री श्रीराधा हित केलि कुंज आश्रम में प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे।
हाल ही में प्रेमानंद महाराज की तबीयत बिगड़ने की खबर से भक्तों में चिंता की लहर दौड़ गई थी। सोशल मीडिया पर देशभर के भक्तों और संतों ने उनकी जल्दी स्वस्थ होने की प्रार्थनाएं की थीं। हालांकि अब उनकी हालत में स्पष्ट सुधार हुआ है, जिसे देखते हुए बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने वृंदावन पहुंचकर उनसे भेंट की।
धीरेंद्र शास्त्री का यह दौरा निजी और आध्यात्मिक उद्देश्य से प्रेरित था। वे सीधे प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। दोनों संतों के बीच प्रेमपूर्ण और आध्यात्मिक बातचीत हुई, जिसमें सनातन धर्म के प्रचार और एकता पर विचार साझा किए गए।
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प्रेमानंद महाराज ने मुलाकात के दौरान धीरेंद्र शास्त्री की कथाओं और धर्म प्रवचनों की सराहना करते हुए कहा, "आपके द्वारा किया जा रहा भगवत ज्ञान का प्रचार-प्रसार लोगों को भगवान से जोड़ने का काम कर रहा है। आप जैसे युवाओं से सनातन का भविष्य उज्ज्वल है।"
मुलाकात के दौरान प्रेमानंद महाराज ने शास्त्री जी से वृंदावन में प्रवास अवधि के बारे में भी जानकारी ली और उन्हें विश्राम व ध्यान के लिए समय निकालने की सलाह दी।
वृंदावन में संत मिलन (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने इस भेंट के दौरान प्रेमानंद महाराज को अपनी आगामी "सनातन एकता यात्रा" के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह पदयात्रा 7 नवंबर से 16 नवंबर तक चलेगी, जो दिल्ली से वृंदावन तक पैदल निकाली जाएगी। इस यात्रा का उद्देश्य है-
सनातन संस्कृति का प्रचार
धर्म और समाज में एकता
युवाओं को आध्यात्मिक चेतना से जोड़ना
धीरेंद्र शास्त्री ने इस यात्रा को सफल बनाने के लिए प्रेमानंद महाराज से आशीर्वाद मांगा, जिसे उन्होंने प्रेमपूर्वक प्रदान किया।
हालांकि शास्त्री का वृंदावन दौरा निजी था, लेकिन जब लोगों को उनके आने की खबर लगी, तो बड़ी संख्या में श्रद्धालु आश्रम के बाहर जुट गए। लोग उनके दर्शन को आतुर थे। आश्रम के आसपास भक्तों की भारी भीड़ देखी गई, जो यह दर्शाता है कि धीरेंद्र शास्त्री की लोकप्रियता अब केवल मध्यप्रदेश या उत्तर भारत तक सीमित नहीं रही।
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इससे एक दिन पहले प्रसिद्ध कथावाचक पुण्डरीक गोस्वामी अपनी पत्नी के साथ प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए आश्रम पहुंचे थे। उन्होंने भी महाराज जी से मुलाकात कर सेहत की जानकारी ली और उनके जल्द पूर्ण स्वस्थ होने की कामना की।