

संक्रामक बीमारी की आशंका को लेकर जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए इसके नियंत्रण और रोकथाम के लिए व्यापक रणनीति तैयार कर ली है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पाण्डेय की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक ( सोर्स - रिपोर्टर )
देवरिया: जनपद में एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) जैसी संक्रामक बीमारी की आशंका को लेकर जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए इसके नियंत्रण और रोकथाम के लिए व्यापक रणनीति तैयार कर ली है। गुरुवार को गांधी सभागार, विकास भवन में मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पाण्डेय की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें इस संबंध में सभी संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सीडीओ प्रत्यूष पाण्डेय ने बैठक में कहा कि अभी तक जनपद में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने पशुपालन, वन, सिंचाई, स्वास्थ्य, राजस्व, पीडब्ल्यूडी, गृह विभाग और पंचायती राज विभाग को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी हैं।
पशुपालन विभाग को निरंतर भौतिक व सीरो सर्विलांस करने, स्वास्थ्य विभाग को वायरल दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखने, राजस्व विभाग को किलिंग ज़ोन का नक्शा तैयार करने और पक्षियों को नष्ट करने के लिए भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं। लोक निर्माण विभाग को बुलडोजर, फॉगिंग व स्प्रे मशीनें उपलब्ध कराने और गृह विभाग को कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है।
प्रशासन ने बताया कि जनपद में वर्तमान में 185 लेयर और लगभग 350 ब्रायलर कुक्कुट प्रक्षेत्र चिन्हित हैं, जहां करीब 13 लाख मुर्गियां पाली जा रही हैं। संभावित खतरे को देखते हुए रैपिड रिस्पांस टीम, किलिंग टीम और टीकाकरण टीम का गठन किया गया है। इसके अलावा, राजकीय पशु चिकित्सालय देवरिया में बर्ड फ्लू कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसके नोडल अधिकारी डॉ. उपेंद्र कुमार सिंह (मोबाइल: 9415833790) हैं।
बैठक में यह भी बताया गया कि अब तक 450 नमूने परीक्षण के लिए भोपाल व बरेली की प्रयोगशालाओं में भेजे गए हैं। पशुपालकों को लगातार जैव सुरक्षा, टीकाकरण और सेनिटाइजेशन के प्रति जागरूक किया जा रहा है। विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट, फेस मास्क और स्प्रे मशीनें भी उपलब्ध हैं।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, पुलिस अधीक्षक, वन विभाग के प्रभागीय निदेशक, अधिशासी अभियंता (सिंचाई व लोक निर्माण), जिला सूचना अधिकारी व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। आमजन से अपील की गई है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें।