

इस फ्लाईओवर से प्रतिदिन लगभग एक लाख वाहन गुजरते हैं। इस दरार के चलते यात्रियों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की यह रिपोर्ट
हापुड़ में नेशनल हाईवे के फ्लाईओवर पर दरार
हापुड़: लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे पर यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पिलर नंबर-132 पर स्थित फ्लाईओवर में आई दरार से लोगों में दहशत फैल गई है। शनिवार को जब स्थानीय लोगों ने इस दरार को देखा तो उन्होंने तुरंत संबंधित विभाग का ध्यान इस ओर खींचा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, आनन-फानन में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के कर्मचारियों ने दरार को सीमेंट से भर दिया। लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो यह एक अस्थाई समाधान मात्र है और बड़ा हादसा कभी भी हो सकता है।
स्थानीय लोगों ने देखी दरार, उड़ गए होश
शनिवार की सुबह नगर निवासी राकेश, संजय बंसल अकेला और अशोक आदि किसी कार्य से ऊर्जा निगम कार्यालय गए थे। लौटते समय उन्होंने फ्लाईओवर की बीम में दरार देखी। दृश्य देखकर सभी हैरान रह गए और तुरंत इसकी जानकारी स्थानीय मीडिया के साथ अधिकारियों को दी। उनका कहना था कि फ्लाईओवर पर इस तरह की दरारें एक बड़े हादसे को न्योता देने के समान हैं।
दैनिक रूप से एक लाख से अधिक वाहन करते हैं आवागमन
इस फ्लाईओवर से प्रतिदिन लगभग एक लाख वाहन गुजरते हैं। इस दरार के चलते यात्रियों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। नागरिकों ने यह भी आरोप लगाया कि समय पर उचित मेंटिनेंस न होने के कारण ही यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
सीमेंट से किया गया दरार का अस्थाई उपचार
दरार की सूचना मिलने के बाद एनएचएआई की टीम मौके पर पहुंची और दरार को सीमेंट से भरने का काम शुरू कर दिया। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि सीमेंट भरने मात्र से समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सकता। फ्लाईओवर की संपूर्ण जांच और उचित इंजीनियरिंग समाधान आवश्यक है, अन्यथा भविष्य में गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।
एनएचएआई का बयान
एनएचएआई के जूनियर इंजीनियर अंकुर ने बताया कि फ्लाईओवर पर मेंटिनेंस का कार्य नियमित रूप से किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "दरार जैसी कोई विशेष सूचना हमें नहीं मिली है। यह एक सामान्य रखरखाव प्रक्रिया का हिस्सा है। विस्तृत जानकारी संबंधित फर्म से मिलने के बाद ही कोई ठोस बयान दिया जा सकता है।"
जनता में चिंता, प्रशासन से मांग
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि फ्लाईओवर की जल्द से जल्द तकनीकी जांच कराई जाए और जरूरत पड़ने पर उसकी मरम्मत की जाए ताकि किसी संभावित हादसे को टाला जा सके। नगरवासियों का कहना है कि हाईवे पर जाम से राहत दिलाने के लिए फ्लाईओवर बनाया गया था, लेकिन यदि इसकी देखरेख सही से न हो तो यह राहत जानलेवा भी बन सकती है।