Fatehpur News: फतेहपुर में बीमार गाय का दूध पीने से बिगड़ी हालत, डॉक्टरों ने दी सतर्कता बरतने की सलाह

फतेहपुर में जिले के बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जनता गांव में सोमवार को एक ही परिवार के सात सदस्य अचानक गंभीर रूप से बीमार हो गए। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 6 May 2025, 12:56 PM IST
google-preferred

फतेहपुर:उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में जिले के बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जनता गांव में सोमवार को एक ही परिवार के सात सदस्य अचानक गंभीर रूप से बीमार हो गए। सभी ने घर में पाली गई बीमार गाय का दूध पिया था। जिसके बाद उन्हें उल्टी, चक्कर और कमजोरी जैसी परेशानियां होने लगीं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बीमार लोगों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। इनमें से पांच लोगों की हालत बिगड़ने पर उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बिंदकी में भर्ती कराया गया, जबकि दो को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। यह घटना एक बार फिर बताती है कि बीमार पशुओं से प्राप्त दूध का सेवन कितना खतरनाक हो सकता है।

ये लोग हुए बीमार

बीमार लोगों की पहचान काजल (22), यश (9), शालिनी (14), अंशिका (12), नित्या देवी (3), रिया (9) और खुशी देवी (15) के रूप में हुई है। इन सभी ने रविवार की रात को घर की गाय का दूध उबालकर पिया था। कुछ ही समय बाद इन लोगों को उल्टियां होने लगीं और उन्हें चक्कर, बदन दर्द तथा अत्यधिक कमजोरी महसूस हुई। परिजन घबरा गए और आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए सीएचसी बिंदकी लेकर पहुंचे।

दूध में फैला संक्रमण

परिवार के एक सदस्य अवलेश ने जानकारी दी कि गाय पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थी। उसे पशु चिकित्सक से दवा और इंजेक्शन दिए जा चुके थे। परिजनों को यह अंदाजा नहीं था कि उसके दूध में संक्रमण फैल चुका है। उन्होंने सोचा कि दूध उबालने से समस्या नहीं होगी, लेकिन पीने के बाद सभी को एक जैसी स्वास्थ्य समस्या होने लगी। इससे साफ प्रतीत होता है कि दूध में हानिकारक बैक्टीरिया या केमिकल्स की उपस्थिति थी।

फूड पॉइजनिंग

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर ने बताया कि सभी मरीजों को फूड पॉइजनिंग हुआ है, जिसकी वजह संभवतः संक्रमित दूध हो सकता है। उन्होंने कहा कि फिलहाल सभी मरीजों का उपचार किया जा रहा है और उनकी हालत अब स्थिर है। डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है और जल्द ही उन्हें छुट्टी भी दी जा सकती है।

भय और चिंता का माहौल

इस अप्रत्याशित घटना से गांव में भय और चिंता का माहौल बन गया है। लोग अब दूध के सेवन को लेकर और भी सतर्क हो गए हैं। गांव में अफवाहों को रोकने और जन-जागरूकता फैलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने स्थानीय आशा कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिया है। फिलहाल गांव में अन्य किसी व्यक्ति के बीमार होने की पुष्टि नहीं हुई है।

आम जनता से अपील

सीएचसी प्रभारी और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि यदि कोई पशु बीमार है तो उसके दूध का प्रयोग किसी भी रूप में न किया जाए। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह अत्यंत खतरनाक हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार के लक्षण दिखते ही तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और स्वयं इलाज करने से बचें।

Location : 

Published :