भारत के भ्रमण पर निकले छत्तीसगढ़ के युवक पहुंचे फरेंदा,144 दिन से नंगे पांव कर रहे तीर्थ यात्रा

नेपाल के पशुपतिनाथ धाम की ओर अग्रसर,अब तक ओम प्रकाश पटेल कर चुके हैं देश के कई प्रमुख तीर्थ स्थलों का दर्शन। पढ़े पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 25 June 2025, 7:30 PM IST
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महराजगंज: धार्मिक आस्था,साधना और आत्मिक शांति की खोज में निकले छत्तीसगढ़ के ओम प्रकाश पटेल की भारत भ्रमण यात्रा बुधवार को 144वें दिन आनंदनगर कस्बे में पहुंची। नंदगांव, जिला महासमुंद (छत्तीसगढ़) के निवासी ओम प्रकाश ने बताया कि यह यात्रा उन्होंने पूर्ण रूप से नंगे पांव शुरू की है और वह अब तक कई हजार किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उनका लक्ष्य नेपाल स्थित विश्व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ धाम पहुंचना है,जहां वह पूजा-अर्चना के उपरांत झारखंड होते हुए दो से तीन महीनों में अपने गृह जनपद लौटेंगे।

17 वर्षों से बिना चप्पल-जूते के जीवन

ओम प्रकाश पटेल की साधना का यह मार्ग आज से नहीं बल्कि बीते 17 वर्षों से चल रहा है। उन्होंने स्वयं बताया कि उन्होंने संकल्प लिया था कि जीवन में चप्पल या जूते का प्रयोग नहीं करेंगे। यही कारण है कि वह तप और संयम का उदाहरण बनकर नंगे पांव यह कठिन यात्रा पूरी कर रहे हैं।

अब तक कर चुके हैं कई तीर्थ स्थलों का भ्रमण

अपनी इस आध्यात्मिक साइकिल यात्रा के दौरान वह अमरकंटक, जम्मू की वैष्णो देवी, उत्तराखंड के केदारनाथ और बद्रीनाथ, हरिद्वार, अयोध्या, पंजाब और गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर जैसे देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों का भ्रमण कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि हर स्थान पर उन्हें स्थानीय लोगों से सहयोग और सम्मान मिला, जिससे उनका हौसला और विश्वास और मजबूत हुआ।

ना प्रचार, ना संगठन से जुड़ाव

फरेंदा में पत्रकारों और स्थानीय नागरिकों से बातचीत करते हुए ओम प्रकाश ने स्पष्ट किया कि वह किसी संस्था,संगठन या राजनीतिक दल से जुड़े नहीं हैं। यह यात्रा किसी प्रचार के उद्देश्य से नहीं, बल्कि उनकी आत्मा की आवाज पर आधारित है। उन्होंने कहा,“यह मेरी साधना है, जिसमें न तो कोई दिखावा है, न कोई अपेक्षा। मैं सिर्फ अपने धर्म और विश्वास की राह पर चल रहा हूं।”

नेपाल के बाद झारखंड, फिर घर वापसी

पशुपतिनाथ धाम की यात्रा पूरी करने के बाद वह झारखंड के देवघर, रजरप्पा आदि धार्मिक स्थलों का भ्रमण करेंगे। वहां से फिर वे छत्तीसगढ़ लौट जाएंगे। यात्रा की समाप्ति भी वहीं होगी,जहां से यह शुरू हुई थी—महासमुंद जिले का नंदगांव।

लोगों ने किया सम्मान,प्रेरणा का बना स्रोत

आनंदनगर में ओम प्रकाश की साधना और त्यागपूर्ण यात्रा को जानकर लोग भावुक हो गए। कई लोगों ने उन्हें घर आमंत्रित कर भोजन कराया, कुछ ने विश्राम की व्यवस्था की। उनकी यात्रा समाज के लिए न केवल एक प्रेरणा बन रही है, बल्कि यह भी दिखा रही है कि श्रद्धा, संकल्प और संयम से हर कठिन मार्ग सरल हो सकता है।

ओम प्रकाश पटेल की यह अनूठी साइकिल यात्रा आने वाली पीढ़ियों को धर्म, आस्था और आत्मशुद्धि का वास्तविक अर्थ समझाने का कार्य कर रही है।

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