Chhangur Baba: भिखारी से अरबपति बनने तक का सफर, ‘छांगुर बाबा’ कैसे बना यूपी में धर्मांतरण के पैसों से करोड़ों का माफिया?

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण की आड़ में चल रहे अरबों के खेल का पर्दाफाश अब नए-नए खुलासों के साथ गहराता जा रहा है। एटीएस की रिमांड पर चल रहे जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने पूछताछ में जो राज़ खोले हैं, वे न सिर्फ चौंकाने वाले हैं बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि किस तरह एक फकीर की शक्ल में छिपा हुआ यह आदमी धर्म की आड़ में पूरा आर्थिक साम्राज्य खड़ा कर चुका था।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 11 July 2025, 5:58 PM IST
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Lucknow: उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण की आड़ में चल रहे अरबों के खेल का पर्दाफाश अब नए-नए खुलासों के साथ गहराता जा रहा है। एटीएस की रिमांड पर चल रहे जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने पूछताछ में जो राज़ खोले हैं, वे न सिर्फ चौंकाने वाले हैं बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि किस तरह एक फकीर की शक्ल में छिपा हुआ यह आदमी धर्म की आड़ में पूरा आर्थिक साम्राज्य खड़ा कर चुका था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,  छांगुर बाबा, जो कभी मुंबई की हाजी अली दरगाह के बाहर अंगूठियां बेचा करता था, और कई बार भीख मांगकर गुज़ारा करता था, आज अरबों की संपत्तियों का मालिक है। यह बदलाव अचानक नहीं आया, बल्कि एक सोची-समझी साजिश और संगठित धर्मांतरण की रणनीति के ज़रिए आया।

कैसे खड़ा किया अरबों का नेटवर्क?

एटीएस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि छांगुर बाबा ने 40 से अधिक बैंक खाते खोले, जिनमें से 6 खाते विदेशी (ओवरसीज) बैंक खातों में हैं। इन खातों में अरब और अन्य मुस्लिम देशों से धर्मांतरण के लिए पैसा भेजा जाता था। इस धन का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, नेपाल बॉर्डर और पुणे जैसे इलाकों में कई करोड़ की ज़मीनें खरीदने में किया गया।

छांगुर ने फर्जी संस्थाओं के नाम पर 40 से अधिक खातों में पैसा डलवाया और फिर उसका इस्तेमाल मकान, शोरूम, स्कूल, धार्मिक संस्थाएं और घोड़े-कुत्तों की विदेशी नस्लों की खरीदारी में किया। बलरामपुर में स्थित उसकी कोठी से ही करोड़ों की संपत्ति और विदेशी जानवरों का पता चला है।

नवीन वोहरा बना मुखौटा

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर ने अपनी काली कमाई को छिपाने के लिए अपने सहयोगियों का इस्तेमाल किया। नवीन वोहरा, जो कभी नीतू उर्फ नसरीन का पति था, उसके नाम पर 50 लाख रुपये का शोरूम बलरामपुर में दर्ज है। बस स्टैंड के पास भी करोड़ों का कपड़ों का बड़ा शोरूम उसी के नाम पर चल रहा था, जिसे छांगुर अक्सर खुद संभालता था।

जो खुलासे अब तक सामने आए हैं, उनसे साफ है कि छांगुर बाबा सिर्फ एक बाबा नहीं, बल्कि एक ऐसा शातिर अपराधी था जिसने धर्म को हथियार बना कर पूरे सिस्टम को चकमा दिया। धर्मांतरण के ज़रिए न सिर्फ भोले-भाले लोगों को फंसाया, बल्कि उनकी भावनाओं से खेलकर अरबों की संपत्ति खड़ी कर दी।

यूपी एटीएस की छानबीन अभी जारी है, और अधिकारियों का कहना है कि आगे आने वाले दिनों में इस 'धार्मिक माफिया' से जुड़े कई और नाम भी सामने आ सकते हैं।

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  • Lucknow

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  • 11 July 2025, 5:58 PM IST