Chhangur Baba Case: छांगुर बाबा केस में बड़ा खुलासा, नूतन नसरीन को लेकर सामने आया एक और चौंकाने वाला राज

बलरामपुर से शुरू हुआ छांगुर बाबा प्रकरण अब महज धार्मिक रूपांतरण या विदेशी चंदे का मामला नहीं रहा। अब यह केस एक बेहद संगठित और गुप्त ऑपरेशन का रूप ले चुका है, जिसमें सिर्फ धर्म ही नहीं, करोड़ों की संपत्ति, हवाला ट्रांजेक्शन और सरकारी संरक्षण जैसे कई गंभीर पहलू उजागर हो रहे हैं।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 16 July 2025, 2:30 PM IST
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Lucknow: बलरामपुर से शुरू हुआ छांगुर बाबा प्रकरण अब महज धार्मिक रूपांतरण या विदेशी चंदे का मामला नहीं रहा। अब यह केस एक बेहद संगठित और गुप्त ऑपरेशन का रूप ले चुका है, जिसमें सिर्फ धर्म ही नहीं, करोड़ों की संपत्ति, हवाला ट्रांजेक्शन और सरकारी संरक्षण जैसे कई गंभीर पहलू उजागर हो रहे हैं।

नूतन नसरीन का ‘गिफ्ट डीड’ प्लान

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,  छांगुर बाबा की करीबी मानी जाने वाली नूतन नसरीन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। गिरफ्तारी से चंद घंटे पहले ही वह अपनी जमीन गुलाम रब्बानी नाम के एक व्यक्ति की मदद से 'हिबानामा' (गिफ्ट डीड) के जरिए ट्रांसफर करने जा रही थी। अहमद खान, जो बाबा के नजदीकी सिपहसालारों में शामिल है, ने यह कबूला कि पूरी प्रक्रिया रब्बानी ने डिजाइन की थी।  यह जमीन ट्रांसफर होते ही इसकी कीमत हवाला नेटवर्क के ज़रिए दुबई भेजी जानी थी।

तहखाने की सच्चाई और नेटवर्क की जड़ें

शुरुआती जांच में साफ हो चुका है कि मामला सिर्फ ज़मीन तक सीमित नहीं है। यह पूरा रैकेट धर्मांतरण, हवाला, विदेशी फंडिंग और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से जुड़ा है। छांगुर बाबा की गतिविधियां बलरामपुर, श्रावस्ती, संतकबीरनगर और महाराजगंज तक फैली थीं, जहां 16 संस्थानों को मिशनरी फंडिंग मिली थी। गरीब और बीमार परिवारों को टारगेट कर उन्हें 'संपूर्ण परिवार धर्मांतरण' के लिए प्रेरित किया जाता था।

अफसरशाही के चेहरे बेनकाब

बलरामपुर में 2019 से 2024 तक तैनात एक एडीएम, दो सीओ और एक इंस्पेक्टर पर साजिश में शामिल होने के पुख्ता संकेत मिले हैं। इनमें से कुछ के खिलाफ STF को पहले से इनपुट थे। साथ ही दो तहसीलदार और कई राजस्व कर्मी भी जांच के घेरे में आ चुके हैं, जिन पर बाबा के लिए आंख मूंदकर कागजी मंजूरी देने के आरोप हैं।

दहेज में शोरूम और तालाब पर कब्जा

जानकारी के अनुसार, उतरौला के मनकापुर रोड पर स्थित पांच करोड़ रुपये का शोरूम छांगुर बाबा ने दहेज में लिया था। इसके अलावा, 12 नवम्बर 2023 को नीतू के नाम खरीदी गई जमीन जो खतौनी में ‘तालाब’ दर्ज थी, उस पर गैरकानूनी निर्माण शुरू किया गया। नगर पालिका द्वारा रोकने के बावजूद काम जारी रहा, जिससे प्रशासनिक संरक्षण की बू साफ मिलती है।

पुलिस पर भी संदेह

चौंकाने वाली बात ये है कि छांगुर बाबा को बचाने के लिए कुछ पुलिस अफसरों ने कथित रूप से भारी नकद और वाहन लिए। बदले में एफआईआर को कमजोर करने की कोशिश हुई। अब ये सभी अधिकारी जांच एजेंसियों की नजर में हैं और जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।

टारगेटिंग का नया फॉर्मूला

छांगुर बाबा का मिशन सिर्फ 'लव जिहाद' नहीं था, उसका असली मकसद पूरे परिवार का धर्म परिवर्तन था। मिशनरी नेटवर्क की मदद से इलाज, शादी, रोजगार, बाइक और यहां तक कि मकान तक उपलब्ध कराए जाते थे। बदले में एक गरीब परिवार अपनी आस्था बदल देता था।

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