चंदौली बाढ़ त्रासदी: चंद्रप्रभा नदी से घिरे गांवों में 50 घंटे बाद भी नहीं पहुंची कोई मदद, ग्रामीणों में आक्रोश

चंदौली के चकिया क्षेत्र में चंद्रप्रभा नदी की बाढ़ से घिरे गांवों में फंसे ग्रामीण 50 घंटे से अधिक समय से मदद के इंतजार में हैं। अब तक कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि मौके पर नहीं पहुंचा है। फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और लोगों में उबाल है।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 26 August 2025, 6:04 PM IST
google-preferred

Chandauli: चंद्रप्रभा नदी में आई भीषण बाढ़ से जिले के भैसही और करेमआ गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। चारों ओर पानी से घिरे इन गांवों का संपर्क जिले के अन्य हिस्सों से पूरी तरह कट चुका है। बीते 50 घंटे से ग्रामीण बाढ़ के पानी के बीच फंसे हैं, लेकिन अब तक जिला प्रशासन, तहसील प्रशासन या किसी भी जनप्रतिनिधि ने मौके पर जाकर कोई राहत नहीं पहुंचाई है।

ग्रामीणों ने बताया कि न तो कोई राजस्व कर्मी, न तहसीलदार और न ही SDM अब तक उनके हालचाल लेने पहुंचे हैं। भाजपा विधायक कैलाश खरवार की अनुपस्थिति को लेकर भी लोगों में नाराजगी है। उनका कहना है कि जब नेता वोट मांगने आते हैं, तो हर गली में दिखते हैं, लेकिन जब संकट आता है, तो कोई नहीं आता।

Chandauli Floods: जलमग्न हुआ चंदौली का नगवा और नरौली गांव, ग्रामीणों में मची अफरा-तफरी

तीन दिन से खा रहे बचा-खुचा अनाज

ग्रामीणों ने बताया कि तीन दिनों से वे अपने घरों में बचे-खुचे अनाज को खाकर गुजारा कर रहे हैं। पीने के पानी, दूध, दवाइयों और चारे जैसी बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं। दर्जनों ग्रामीण ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं, जबकि कई लोग तीन-चार फीट पानी से गुजरकर अपने घरों की निगरानी कर रहे हैं।

Chandauli Floods

भैसही और करेमआ गांव बने टापू

खेती भी पूरी तरह तबाह, फसल बर्बाद

भैसही और करेमआ गांव के अधिकांश ग्रामीण धान और फूलों की खेती पर निर्भर हैं। लेकिन इस बाढ़ ने उनकी सालभर की मेहनत को चंद घंटों में तबाह कर दिया है। खेतों में खड़ी धान की फसलें पूरी तरह डूब गई हैं और फूलों की खेती भी जलमग्न हो गई है। इससे ग्रामीणों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

Chandauli Flood: बाढ़ प्रभावित गांवों का विधायक व प्रशासनिक अधिकारियों ने किया दौरा, हर संभव मदद का दिया भरोसा

प्रशासन के दावों पर सवाल

बाढ़ प्रभावित लोगों ने जिला प्रशासन के राहत कार्यों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि टीवी और अखबारों में बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। किसी तरह की नाव, राहत सामग्री या मेडिकल सहायता अब तक नहीं पहुंची है।

बाढ़ प्रभावित ग्रामीण ने बताया कि, हम तीन दिन से पानी में फंसे हैं। खाने को कुछ नहीं बचा। कोई नेता, अधिकारी नहीं आया। अगर मदद नहीं मिली तो बच्चों को लेकर कहां जाएं?

Location :