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मांगी की जा रही है रिश्वत! कानपुर देहात में समाधान दिवस पर अधिकारियों की खुली पोल

संपूर्ण समाधान दिवस पर अधिकारियों ने पहुंचे फरियादियों की शिकायत सुनी, वहीं रसूलाबाद तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में महिलाओं ने अपनी जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत दर्ज कराई। इस दौरान पीड़ितों ने अधिकारियों पर रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया।
Post Published By: Rohit Goyal
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मांगी की जा रही है रिश्वत! कानपुर देहात में समाधान दिवस पर अधिकारियों की खुली पोल

Kanpur Dehat: जनपद कानपुर देहात में शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस आयोजित किया गया। जिसमें अधिकारियों ने पहुंचे फरियादियों की शिकायत सुनी, वहीं रसूलाबाद तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में महिलाओं ने अपनी जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत दर्ज कराई। पीड़ित महिलाओं ने उपजिलाधिकारी को बताया कि उनके ससुर रामस्वरूप के नाम सरकारी अभिलेखों में अंकित भूमि पर कुछ लोगों ने जबरन झोपड़ी बनाकर कब्जा करने का प्रयास किया है।

जमीन पर हो गया कब्जा

आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे शिकायतकर्ता शिवबरन ने बताया कि वे ग्राम तरसौली के निवासी हैं और उनकी भूमि खाता संख्या 832, गाटा संख्या 2165/0.7365 हेक्टेयर पर है। उन्होंने बताया कि वे इस भूमि के स्वामी और दखिल काश्तकार हैं। धारा 9-ए के अंतर्गत 2017 में उन्हें कब्जा दिया गया था, शिकायतकर्ता शिवबरन, भाभी पूनम सहित पारिवारिक महिलाओं ने आरोप लगाया कि गांव के कमलेश राठौर ने दबंगई के बल पर उनकी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है, पीड़ितों के द्वारा विरोध करने पर गाली गलौज करने लगते है, ऐसी स्थिति में वे लोग अधिकारियों पर भरोसा करते हुए संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे हैं।

लेखपाल और कानूनगो पर रिश्वत मांगने का आरोप

महिला पूनम राठौर ने संपूर्ण समाधान दिवस में अधिकारियों के सामने ही लेखपाल और कानूनगो पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि क्षेत्रीय लेखपाल और कानूनगो के द्वारा कार्रवाई के लिए रिश्वत की मांग करते हैं , इस पर मौजूद रसूलाबाद उपजिलाधिकारी ने शिकायत सुनते ही जांच करवाने की बात कही है, उन्होंने बताया जमीन संबंधी मामले में जांच करवाने के बाद सत्यता के बाद कार्रवाई की जाएगी।

बहराल पीड़ितों के द्वारा अधिकारियों से मांग करते हुए कहा गया कि जांच कर निष्पक्ष कार्रवाई की जाए जो भी दोषी पाया जाए उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, इसी उम्मीद से पीड़ित पक्ष न्याय मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

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