

गोरखपुर के सहजनवा रेलवे स्टेशन पर नए साइन बोर्ड में उर्दू में गलत नाम ‘नौतनवा’ लिखा गया, जिससे यात्रियों में भ्रम फैल रहा है। स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि लापरवाही पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
सहजनवा स्टेशन पर लगा साइन बोर्ड
Gorakhpur: गोरखपुर-लखनऊ रेल मार्ग पर स्थित सहजनवा रेलवे स्टेशन पर लापरवाही की एक बड़ी घटना सामने आई है। स्टेशन प्लेटफॉर्म पर लगाए गए नए साइन बोर्ड पर स्टेशन का नाम हिंदी और अंग्रेजी में तो सही लिखा गया है, लेकिन उर्दू में गंभीर चूक कर दी गई है। उर्दू में ‘सहजनवा’ की जगह ‘नौतनवा’ लिख दिया गया है, जिससे यात्रियों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह मामला तब उजागर हुआ जब कुछ स्थानीय यात्रियों ने बोर्ड की तस्वीर खींचकर सोशल मीडिया पर डाल दी। देखते ही देखते मामला वायरल हो गया और लोगों ने रेलवे प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए। स्टेशन पर रोजाना हजारों यात्री आते-जाते हैं, ऐसे में गलत नाम से न सिर्फ यात्रियों को गुमराह किया जा सकता है बल्कि इससे रेलवे की छवि पर भी सवाल खड़े होते हैं।
यात्रियों को हो सकती है गलतफहमी
स्थानीय लोगों ने बताया कि सहजनवा और नौतनवा दोनों अलग-अलग स्टेशन हैं। नौतनवा स्टेशन महराजगंज जिले में नेपाल बॉर्डर के समीप स्थित है, जबकि सहजनवा गोरखपुर जनपद में है। ऐसे में नाम में हुई यह गलती बड़ी गफलत को जन्म दे सकती है, जिससे यात्री गलत दिशा में यात्रा कर सकते हैं।
जल्द लगाया जाएगा नया बोर्ड
रेलवे प्रशासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों ने कहा है कि बोर्ड बदलने का आदेश दे दिया गया है और संबंधित ठेकेदार व लेखन कार्य से जुड़े कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जल्द ही स्टेशन पर सही उर्दू नाम के साथ नया बोर्ड लगाया जाएगा।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी रेलवे से इस प्रकार की लापरवाही नहीं दोहराने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भाषा में की गई इस गलती से रेलवे की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते हैं। लोगों ने मांग की है कि बोर्ड बदलने के साथ ही जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी की जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही ना हो।
यात्रियों ने भी अपील की है कि रेलवे प्लेटफॉर्म और स्टेशनों पर लगने वाले बोर्ड की जांच स्थानीय प्रशासन और भाषा विशेषज्ञों से करवाई जाए, जिससे नाम की सही जानकारी रहे और किसी यात्री को परेशानी न उठानी पड़े।