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डाइनामाइट न्यूज़ की खबर का बड़ा असर: महिला की मौत मामले में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन, हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप

फरेंदा स्थित विवादित स्टार हॉस्पिटल एक बार फिर सवालों के घेरे में है। महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर तीन दिनों में रिपोर्ट मांगी है।
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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डाइनामाइट न्यूज़ की खबर का बड़ा असर: महिला की मौत मामले में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन, हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप

Maharajganj: फरेंदा का स्टार हॉस्पिटल लगातार विवादों में घिरता जा रहा है। ताजा मामला यहां इलाज के दौरान एक महिला की मौत का है। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सकों की लापरवाही के कारण महिला ने दम तोड़ दिया। घटना के बाद क्षेत्र में आक्रोश फैल गया और एक बार फिर निजी अस्पतालों की कार्यशैली कटघरे में खड़ी हो गई।

डाइनामाइट न्यूज़ पर खबर चलने और मामला जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा के संज्ञान में आने पर तत्काल कार्रवाई करते हुए सीएमओ श्रीकांत शुक्ला ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है। आदेश में साफ कहा गया है कि समिति को तीन दिनों के भीतर अपनी जांच आख्या प्रस्तुत करनी होगी, ताकि दोषियों पर नियमानुसार कड़ी कार्यवाही हो सके।

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गठित जांच समिति में शामिल अधिकारी

डॉ. वरिन्द्र आर्या, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, महराजगंज

डॉ. खगेन्द्र प्रताप सिंह, नोडल अधिकारी झोलाछाप प्राइवेट हॉस्पिटल, महराजगंज

डॉ. वीर विक्रम सिंह, उप मुख्य चिकित्साधिकारी, महराजगंज

जांच टीम को दिए गए निर्देश

जांच टीम को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह हर पहलू से गहन जांच कर वास्तविक तथ्यों को सामने लाए। अगर चिकित्सीय लापरवाही साबित होती है, तो अस्पताल प्रशासन पर कठोर कार्रवाई तय मानी जा रही है। इस घटना ने एक बार फिर निजी अस्पतालों की मनमानी और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्टार हॉस्पिटल पहले भी कई बार विवादों में रह चुका है और अब इस मौत ने इसकी साख को और संदेहास्पद बना दिया है।

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पूर्व में भी लिखा गया था मुकदमा

इससे पहले भी इस अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ चुके हैं। पूर्व में एक मरीज की मौत के बाद फार्मासिस्ट अरुण चतुर्वेदी के खिलाफ पुरंदरपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। घटना के बाद आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि निजी अस्पताल इलाज के नाम पर मनमानी कर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से मांग की कि ऐसे संस्थानों पर सख्त निगरानी रखी जाए और जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई हो।

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