

एसटीएफ बस्ती में एक सनसनीखेज हत्या के मामले में फरार चल रहे दो इनामी अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
आरोपी कौशल चन्द्र उपाध्याय और पत्नी रंजना
बस्ती: उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने जनपद बस्ती में एक सनसनीखेज हत्या के मामले में फरार चल रहे दो इनामी अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। दोनों अभियुक्तों, कौशल चन्द्र उपाध्याय और उनकी पत्नी रंजना उर्फ अंजली पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित था।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, यह गिरफ्तारी थाना कप्तानगंज क्षेत्र के गड़हा गौतम अंडरपास के पास 9 मई 2025 को की गई। दोनों अभियुक्त थाना कप्तानगंज में दर्ज मुकदमा संख्या 215/2024 के तहत वांछित थे, जिसमें धारा 103(2), 238, 326(8), 3(5) और 61(2) बीएनएस के तहत अपराध दर्ज हैं।
अंडरपास के पास घेराबंदी कर दबोचा
गौरतलब है कि एसटीएफ की इस कार्रवाई का नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक संजीव कुमार दीक्षित के पर्यवेक्षण में किया गया। उनकी देखरेख में निरीक्षक ओम शंकर शुक्ला, गिरजाशंकर यादव, मुख्य आरक्षी कुलदीप सिंह, राकेश शर्मा, दिलीप कुमार और आरक्षी चालक अवधेश यादव की टीम ने अभियुक्तों की तलाश में व्यापक अभिसूचना संकलन किया। सूचना मिली थी कि कौशल चन्द्र उपाध्याय और उनकी पत्नी रंजना उर्फ अंजली बस्ती से प्रयागराज जाने की योजना बना रहे हैं। इस आधार पर एसटीएफ ने स्थानीय पुलिस और महिला पुलिस की मदद से गड़हा गौतम अंडरपास के पास घेराबंदी कर दोनों को धर दबोचा।
पूछताछ में किया चौंकाने वाला खुलासा
वहीं पूछताछ में अभियुक्तों ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पारिवारिक संपत्ति विवाद के चलते उन्होंने परिवार के अन्य सदस्यों करुणाकर, राजेश, शांति, सिल्पा और कमलेश के साथ मिलकर गोदावरी और उनकी बेटी सौम्या की हत्या कर दी थी। सबूत मिटाने के लिए शवों को जला दिया गया था। इस मामले में पांच अन्य अभियुक्त पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं। कौशल और रंजना हत्या के बाद से फरार थे और बिहार तथा अपनी ससुराल में छिपकर रह रहे थे। वे बस्ती होकर प्रयागराज जाने की फिराक में थे, तभी एसटीएफ के हत्थे चढ़ गए।
कौशल चन्द्र का अपराधिक इतिहास
दूसरी तरफ,, कौशल चन्द्र उपाध्याय का अपराधिक इतिहास भी लंबा है। उसके खिलाफ बस्ती के विभिन्न थानों में कई मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें मारपीट, गाली-गलौज, धमकी, गुंडा एक्ट और एससी/एसटी एक्ट जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। इनमें मुकदमा संख्या 195/2008, 2009/2008, 237/2009, 149/2017, 49/2020, 48/2022, 215/2024 और 34/2025 प्रमुख हैं।
गिरफ्तार अभियुक्तों को थाना कप्तानगंज पुलिस के हवाले कर दिया गया है, जहां उनके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। स्थानीय पुलिस अब मामले की गहन जांच कर रही है ताकि अन्य संलिप्त व्यक्तियों को भी सजा दिलाई जा सके।