

सैकड़ो फाइलें खारिज होने के बाद तहसील बार एल्डर्स कमेटी ने न्यायिक कार्य न करने का निर्णय किया है। पढ़ें पूरी खबर
न्यायिक कार्य न करने का किया निर्णय
बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी तहसील में पीठासीन अधिकारियों द्वारा खारिज की गयी सैकडों फाइलों को लेकर आगामी तीन दिन तक अधिवक्ताओं से न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, यह निर्णय आमसभा की बैठक के दौरान घोषणा करते हुए बार संघ राजेन्द्र प्रसाद वर्मा ने कहा कि हम तीन दिन का मौका स्थानीय तहसील प्रशासन को देते है कि वह सभी खारिज पत्रावलियां सम्बन्धित न्यायालय पर उपलब्ध करा दें।
संख्या दो से ढाई हजार के आसपास
मालुम हो कि विगत एक हफ्ते से कई अधिवक्ताओं द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि तहसीलदार न्यायालय व तहसीलदार (न्यायिक), नायब तहसीलदार बिशुनपुर, कुर्सी, फतेहपुर में सैकडों की तादाद में जिनकी संख्या दो से ढाई हजार के आसपास बताई जा रही है जबकि स्थानीय तहसील प्रशासन द्वारा जो अभी तक सूची जारी की गयी है उसमें करीब 6 सौ पत्रावलियां खारिज होने की बात स्वीकार की जा रही है। जिसकी सूची स्थानीय बार संघ अध्यक्ष को तहसील प्रशासन द्वारा दी गयी है।
लोगो ने भी समस्या के निराकरण के लिए सुझाव
सोमवार को इस सम्बन्ध में महामंत्री रामलाल वर्मा द्वारा आमसभा की बैठक दोपहर 1 बजे आहूत की गयी जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता हरिनाम सिंह, राजीव नयन तिवारी, प्रदीप कुमार निगम,श्रवण कुमार वर्मा, बब्बू दीक्षित,अलीउद्दीन शेख, पौरूष श्रीवास्तव,गणेश शंकर मिश्रा, हरीश मौर्य,अनीत रावत, रामऔतार गौतम,ओमप्रकाश यादव,शशेन्द्र श्रीवास्तव आदि ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये। हरिनाम सिंह वर्मा ने बताया कि उनकी 150 पत्रावलियां निरस्त हो गयी। वहीं अन्य लोगो ने भी समस्या के निराकरण के लिए सुझाव दिये। श्रवण कुमार वर्मा ने बताया कि दो से ढाई हजार के बीच में पत्रावलियां खारिज होने की उम्मीद है। वक्ताओं का कहना था कि पत्रावली के खारिज करने कार्यवाही वर्ष 2022, 2023, 2024 में की गयी है।
स्थानीय तहसील प्रशासन को तीन दिन का समय
तमाम पत्रावलियां खोजे जाने के बाद न मिलने से अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश व्याप्त है। बार संघ अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद वर्मा ने बताया कि खारिज हुई सभी पत्रावलियां सम्बन्धित न्यायालयों पर तीन दिन के बाद उपलब्ध करायी जायेगी। इसके लिए स्थानीय तहसील प्रशासन को तीन दिन का समय दिया गया है। इस दौरान अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। इस मौके पर रमेशचन्द्र रावत, धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, मदन मोहन मिश्रा, प्रवीण कुमार पटेल, सर्वेश श्रीवास्तव, मो0 राहिल, संजय सिंह नम्बरदार, एस पी सिंह, अवधेश सिंह, अवधेश श्रीवास्तव, रंगनाथ त्रिपाठी, बृजेश मिश्रा, अशोक यादव, मनोज मौर्या सहित अन्य अधिवक्ता मौजूद थे।