घने कोहरे और कड़ाके की ठंड में सड़क पर भटक रहे दो वर्षीय मासूम को बलरामपुर पुलिस ने सुरक्षित रेस्क्यू किया। डायल-112 और मिशन शक्ति टीम की तत्परता से बड़ा हादसा टल गया। कुछ ही घंटों में बच्चे की पहचान कर उसे परिजनों से मिला दिया गया।

पुलिस टीम ने रेस्क्यू किया
Balrampur: बलरामपुर जिले में मिशन शक्ति और डायल-112 की तत्परता ने एक बड़ी अनहोनी को होने से पहले ही रोक दिया। कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बीच सड़क पर अकेले भटक रहे दो साल की मासूम को पुलिस टीम ने समय रहते सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया। महज कुछ ही घंटों में बच्चे को उसके परिजनों से मिलाकर पुलिस ने मिसाल पेश की।
मंगलवार सुबह डायल-112 के माध्यम से सूचना मिली कि थाना कोतवाली देहात क्षेत्र में एक छोटा बच्चा सड़क पर लावारिस हालत में घूम रहा है। दृश्यता लगभग शून्य थी और ठंड बेहद तेज थी। सूचना मिलते ही पीआरवी-5037 पर तैनात कांस्टेबल रोहित मिश्रा और हेड कांस्टेबल चालक राधारमन वर्मा बिना देरी किए मौके पर पहुंचे। बच्चे को सुरक्षित अपने संरक्षण में लिया।
बच्चा इतना छोटा था कि वह न तो अपना नाम बता पा रहा था और न ही घर का पता। उसे तत्काल कोतवाली देहात लाया गया। जहां महिला हेल्प डेस्क पर तैनात महिला मुख्य आरक्षी रीना ने उसकी देखभाल की। ठंड से बचाने के लिए बच्चे को गर्म कपड़े पहनाए गए। भोजन भी उपलब्ध कराया गया। जिससे उसे मानसिक और शारीरिक रूप से राहत मिल सके।
बच्चे के परिजनों की तलाश के लिए मिशन शक्ति टीम के उप निरीक्षक हरिश्चंद्र चौधरी और कांस्टेबल आरती सिंह ने स्थानीय सूचना तंत्र को सक्रिय किया। साथ ही चाइल्ड हेल्पलाइन से भी समन्वय स्थापित किया गया। पुलिस और स्थानीय लोगों के सहयोग से बच्चे की पहचान ग्राम सेखुईकला निवासी दद्दू विश्वकर्मा के पुत्र के रूप में हुई।
आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद पुलिस ने बच्चे को उसके पिता दद्दू विश्वकर्मा और माता उर्मिला के सुपुर्द कर दिया। अपने खोए हुए बच्चे को सुरक्षित पाकर परिजनों की आंखें नम हो गईं। उन्होंने बलरामपुर पुलिस की मानवीय व्यवहार के लिए पूरी टीम का आभार जताया।