

सरकार की स्वच्छ जल योजना के अंतर्गत लगाए गए प्याऊ में भारी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए हैं। मामले की जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
सभासद अशोक मौर्या ने किया प्याऊ का निरीक्षण
अमेठी: नगर पालिका परिषद जायस में सरकार की स्वच्छ जल योजना के अंतर्गत लगाए गए प्याऊ में भारी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए हैं। सभासद अशोक मौर्या ने आरोप लगाते हुए कहा कि योजना के नाम पर लाखों रुपये की धनराशि तो निकाल ली गई, लेकिन धरातल पर जनता को न तो स्वच्छ जल मिल रहा है और न ही सुविधा का लाभ।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सभासद अशोक मौर्या ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने हनुमानदल क्षेत्र स्थित एक प्याऊ का निरीक्षण किया था, जहां देखा गया कि प्याऊ से निकलने वाला पानी इतना दूषित है कि वह पीने योग्य नहीं है। यह स्थिति तब है जब सरकार की मंशा थी कि चौराहों, अस्पतालों और धर्म स्थलों पर आमजन को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाए। सभासद का कहना है कि पालिका प्रशासन सरकार की इस योजना पर "पानी फेर" रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्वच्छ जल योजना के तहत नगर पालिका द्वारा बनाए गए हर प्याऊ के लिए 8 लाख 95 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। टेंडर में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि हर प्याऊ में 2000 लीटर की पानी की टंकी लगनी चाहिए, लेकिन मौके पर महज 200 लीटर की छोटी टंकी लगाई गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकारी धन का दुरुपयोग कर जनता को धोखा दिया जा रहा है।
सभासद अशोक मौर्या ने जिलाधिकारी अमेठी से अपील की है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यह न केवल जनता के साथ विश्वासघात है, बल्कि सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने जैसा अपराध है।
स्थानीय नागरिकों का भी कहना है कि नगर में स्थापित अधिकांश प्याऊ वर्षों पुराने हैं और उनकी देखरेख नहीं की जाती। अब नई योजना के अंतर्गत जो प्याऊ लगाए गए हैं, उनमें भी भ्रष्टाचार की बू आ रही है। यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है और जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ आम नागरिक भी इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी गंभीरता दिखाता है और कितनी जल्दी दोषियों पर शिकंजा कसता है।