

अमेठी में प्रसूता और उसके नवजात की इलाज में देरी से मौत हो गई। परिजन, स्टाफ नर्स पर समय पर रेफर न करने का आरोप लगा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने जांच का आश्वासन दिया है।
अमेठी में मां-बच्चे की मौत
Amethi: उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद से एक बेहद दुखद और संवेदनशील मामला सामने आया है, जहां समय पर इलाज और रेफर न मिलने के कारण एक प्रसूता महिला और उसके नवजात की मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग और स्टाफ नर्स पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है।
घटना अमेठी जनपद के गंज ब्लॉक अंतर्गत शिवरतनगंज थाना क्षेत्र के गांव गढ़ी अलादाद मजरा सातनपुरवा की है। गांव की 32 वर्षीय अमीना खातून को रविवार को अचानक प्रसव पीड़ा हुई। परिजन उसे नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) सातनपुरवा लेकर पहुंचे। वहाँ ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ नर्स ने महिला को भर्ती कर लिया और परिजनों को आश्वस्त किया कि नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी।
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प्रसूता की डिलीवरी तो हो गई, लेकिन डिलीवरी के तुरंत बाद ही जच्चा और बच्चा दोनों की हालत तेजी से बिगड़ने लगी। महिला को अत्यधिक रक्तस्राव होने लगा और नवजात को सांस लेने में दिक्कत आने लगी। इसके बावजूद, आरोप है कि स्टाफ नर्स ने समय पर उन्हें रेफर नहीं किया। जब हालात बेहद गंभीर हो गए, तब जाकर उन्हें रायबरेली जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया।
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रायबरेली जिला अस्पताल ले जाते समय थाना महराजगंज के पास ही नवजात की मौत हो गई। महिला की हालत गंभीर देखते हुए परिजन उसे तुरंत सीएचसी महराजगंज ले गए, जहां डॉक्टरों ने महिला को भी मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के मुताबिक, महिला का शरीर पहले से बेहद कमजोर था और रक्तस्राव से उसकी स्थिति और भी खराब हो गई थी।
मृतका की सास ने मीडिया से बातचीत में कहा कि स्टाफ नर्स ने जानबूझकर मरीज को रोककर रखा और नॉर्मल डिलीवरी का झूठा भरोसा दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अगर समय पर रेफर कर दिया गया होता, तो शायद दोनों की जान बच सकती थी।
सीएचसी सिंहपुर के अधीक्षक डॉ. सुनील चौधरी ने बताया कि महिला को अत्यधिक रक्तस्राव और नवजात को सांस लेने में दिक्कत के चलते रेफर किया गया था। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और यदि कोई लापरवाही सामने आती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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गांव और आसपास के लोगों ने बताया कि सिंहपुर सीएचसी में तैनात स्टाफ नर्स लंबे समय से कार्यरत हैं और इस तरह की घटनाएं पहले भी हुई हैं। बावजूद इसके, अब तक किसी भी अधिकारी ने न तो इनकी जिम्मेदारी तय की है और न ही किसी पर कार्रवाई हुई है।