अखिलेश यादव ने भाजपा की संगठनात्मक नियुक्तियों को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पीडीए समाज को जानबूझकर सीमित भूमिका में रखना चाहती है। अखिलेश ने कहा कि अब पीडीए समाज यह अपमान नहीं सहेगा और अपनी सरकार बनाएगा।

सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव
Lucknow: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी की संगठनात्मक संरचना और हालिया राजनीतिक फैसलों को लेकर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबी पोस्ट के जरिए भाजपा पर पीडीए समाज को जानबूझकर नीचा दिखाने का आरोप लगाया। अखिलेश यादव ने भाजपा की नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए इसे “प्रभुत्ववादी सोच” का उदाहरण बताया।
अखिलेश यादव की पोस्ट सामने आते ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई। उन्होंने सवालिया अंदाज में लिखा कि “5 बड़ा या 7? विधायक बड़ा या सांसद? राज्य बड़ा या केंद्र?” इन सवालों के जरिए उन्होंने भाजपा की कथित दोहरी राजनीति को उजागर करने की कोशिश की। उनका कहना है कि भाजपा में योग्यता, अनुभव और जनप्रतिनिधित्व से ज्यादा जातिगत और प्रभुत्ववादी सोच हावी है।
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सपा प्रमुख ने भाजपा की संगठनात्मक नियुक्तियों पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ओर भाजपा पांच बार के विधायक को राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसा बड़ा पद देती है, वहीं दूसरी ओर सात बार के सांसद को सिर्फ राज्य अध्यक्ष बनाकर संतोष करना पड़ता है। अखिलेश यादव के अनुसार, यदि भाजपा वास्तव में योग्यता और अनुभव के आधार पर फैसले लेती, तो यह असंतुलन देखने को नहीं मिलता। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर भाजपा के पास इसका तर्क क्या है? क्या सांसद होना विधायक से छोटा पद है या केंद्र की राजनीति राज्य से कम अहम है? अखिलेश ने कहा कि इन सवालों का कोई तार्किक जवाब भाजपा के पास नहीं है।
अखिलेश यादव ने अपने बयान में राज्य और केंद्र की राजनीति की तुलना भी की। उन्होंने कहा कि भाजपा खुद को राष्ट्रवादी पार्टी बताती है, लेकिन उसके फैसलों में यह स्पष्ट नहीं होता कि वह राज्य सरकारों और केंद्रीय नेतृत्व को किस नजर से देखती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व जानबूझकर पीडीए समाज से आने वाले नेताओं को एक तय सीमा से आगे नहीं बढ़ने देना चाहता।
सपा प्रमुख ने भाजपा पर “प्रभुत्ववादी” होने का सीधा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा यह संदेश देना चाहती है कि पीडीए समाज का व्यक्ति चाहे जितना भी काबिल क्यों न हो, वह वर्चस्ववादी ताकतों के सामने एक निश्चित सीमा से आगे नहीं जा सकता। अखिलेश यादव ने इसे लोकतंत्र और सामाजिक न्याय के खिलाफ बताया।
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अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने पीडीए समाज को नीचा दिखाने का यह नया तरीका अपनाया है। उन्होंने इसे सामाजिक सम्मान से जोड़ते हुए कहा कि यह सिर्फ नेताओं का नहीं, बल्कि पूरे समाज का अपमान है। सपा प्रमुख ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब पीडीए समाज इस अपमान को और नहीं सहेगा।