

मुख्य सचिव बनने के बाद एसपी गोयल के पदभार से शासन में बड़े फेरबदल की आहट है। संजय प्रसाद को मिल रही नई जिम्मेदारियां और कई मंत्रियों की नाराजगी इस बात का संकेत हैं कि मुख्यमंत्री सचिवालय में नई ताकतवर टीम उभरने वाली है—लेकिन इसकी अंतिम स्क्रिप्ट अभी अधूरी है।
एसपी गोयल ने प्रदेश के 56वें मुख्य सचिव का पद संभाला (सोर्स इंटरनेट)
Lucknow: उत्तर प्रदेश शासन के गलियारों में हलचल तेज हो गई है। एसपी गोयल ने प्रदेश के 56वें मुख्य सचिव का पद संभाल लिया है और इसके साथ ही प्रशासनिक संरचना में बड़े बदलाव की संभावनाएं पुख्ता हो गई हैं। माना जा रहा है कि अब शासन स्तर पर कई वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारियों में फेरबदल तय है, जिससे मुख्यमंत्री सचिवालय में भी एक नई शक्ति-संरचना का खाका तैयार होने जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, एसपी गोयल के मुख्य सचिव बनने के बाद "अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री" का पद रिक्त हो गया है। इस अहम पद पर अभी किसी नई नियुक्ति की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन इसके प्रभावस्वरूप संजय प्रसाद को और अधिक जिम्मेदारियां दी गई हैं। वह अब मुख्यमंत्री, गृह, सूचना और गोपन जैसे अत्यंत संवेदनशील विभागों के साथ-साथ राज्य संपत्ति और नागरिक उड्डयन विभाग का भी प्रभार संभाल रहे हैं।
यह पहला मौका है जब मुख्यमंत्री सचिवालय में संजय प्रसाद सबसे वरिष्ठ प्रमुख सचिव के रूप में उभरे हैं। उनकी तैनाती और बढ़ती जिम्मेदारियां इस बात का संकेत हैं कि शासन, आगामी पंचायत और विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में मजबूत एवं अनुभवी नेतृत्व की तरफ अग्रसर है।
वहीं, मंत्रालयों में मंत्रियों और उनके अपर मुख्य सचिवों या प्रमुख सचिवों के बीच बढ़ती खींचतान भी बदलाव की एक बड़ी वजह मानी जा रही है। कुछ मंत्री अपने विभागीय सचिवों से असंतुष्ट हैं, जिससे विभागों के सुचारू संचालन में दिक्कतें आ रही हैं। इस स्थिति को देखते हुए शासन स्तर पर कुछ और शीर्ष अधिकारियों के विभागों में बदलाव होना अब लगभग तय है।
मुख्य सचिव एसपी गोयल को अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (IIDC) का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। उनके पास अब यूपीडा (YEDA), उपशा (UPSHA), पिकप (PICUP) और समन्वय जैसे महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी भी होगी। यह स्पष्ट करता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रशासनिक स्थायित्व और निर्णायक नेतृत्व की दिशा में कोई समझौता नहीं करना चाहते।
राज्य सरकार की बड़ी प्राथमिकताओं में उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना और सभी विकास परियोजनाओं को समय से और पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूरा कराना शामिल है। इसलिए अनुभवी अधिकारियों की तैनाती मुख्यमंत्री सचिवालय में शासन की प्राथमिकता बन गई है।