Maharajganj: पति के खिलाफ महिला ने मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार, जानिये क्या है मामला

महराजगंज जनपद के पुरंदरपुर क्षेत्र की महिला ने पति और ससुरालियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी ख़बर

Post Published By: अरुण गौतम
Updated : 10 May 2025, 7:41 PM IST
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महराजगंज: जनपद के पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम सोहरवलिया कला की रहने वाली एक महिला ने अपने पति और ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाये है। पीडित महिला ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है।

पीड़िता नाजिया ने उत्तर प्रदेश जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से सीएम को एक प्रार्थना पत्र भेजकर अपने पति व ससुवार वालों पर दहेज उत्पीड़न, मारपीट, मानसिक प्रताड़ना और तलाक की धमकी देने के गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता ने जैसे मामलों की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की भी मांग की है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार नाजिया का आरोप है कि उसकी शादी लगभग तीन वर्ष पूर्व मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार वहीद अहमद पुत्र नबी हुसैन, निवासी ग्राम बरवा जंगल, थाना नौतनवा, जनपद महराजगंज से हुई थी। शादी के पहले ही वर्ष से उसके पति ने दहेज की मांग करनी शुरू कर दी।

नाजिया के अनुसार, वहीद लगातार मायके से एक मोटरसाइकिल और दो लाख रुपये लाने का दबाव बनाता रहा। जब नाजिया ने यह कहकर इनकार किया कि उसके माता-पिता गरीब हैं और इतनी बड़ी मांग पूरी कर पाना संभव नहीं है, तो पति समेत उसके सास, ससुर, जेठ और जेठानी ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।

पीड़िता ने बताया कि उसे बार-बार शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उसके साथ मारपीट की गई, खाना नहीं दिया गया और चरित्रहीनता के झूठे आरोप लगाए गए। कई बार उसे घर से निकाल भी दिया गया। नाजिया का कहना है कि वह अब मायके में रह रही है और उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। न्याय न मिलने से आहत होकर उसने मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है।

मुख्यमंत्री को भेजे गए प्रार्थना पत्र में नाजिया ने आग्रह किया है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि उसे न्याय मिल सके और भविष्य में किसी अन्य महिला के साथ ऐसा न हो।

यह मामला एक बार फिर दर्शाता है कि दहेज प्रथा जैसी कुप्रथाएं आज भी समाज में जड़ें जमाए हुए हैं, और महिलाओं को उनके अधिकारों और सम्मान के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ती है। अब देखना यह होगा कि शासन-प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेकर पीड़िता को न्याय दिलाता है।

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