

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बलिया ने निजी विद्यालयों में मनमानी शुल्क वृद्धि और शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को लेकर जिलाधिकारी से ज्ञापन सौंपा। विवाद के बाद तीन सदस्य बाहर किए गए, जिससे नाराज होकर छात्र संगठनों ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना शुरू किया।
डीएम के खिलाफ कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठे एबीवीपी कार्यकर्ता
Ballia: कलेक्ट्रेट परिसर में निजी विद्यालयों में मनमानी शुल्क वृद्धि और बदहाल शिक्षा व्यवस्था के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का बलिया में जोरदार प्रदर्शन हुआ। इस दौरान छात्र संगठन ने आठ सूत्रीय मांगों को लेकर जिलाधिकारी से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। लेकिन वार्ता के दौरान कुछ सदस्यों के बीच कहासुनी के बाद जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बलिया का पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल जिला सह संयोजक अभिषेक यादव के नेतृत्व में जिलाधिकारी से मिलने पहुंचा। प्रतिनिधि मंडल ने निजी विद्यालयों में फीस वृद्धि, शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता में कमी, शिक्षक अनुपस्थिति और अन्य समस्याओं को लेकर आठ सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। जिलाधिकारी ने अभिषेक यादव सहित तीन सदस्यों को अपने कार्यालय में बुलाया, जहां बातचीत के दौरान अभिषेक यादव और जिला संगठन मंत्री ऋषभ सिंह के बीच कहासुनी हो गई।
इस विवाद के बाद जिलाधिकारी ने अभिषेक यादव, ऋषभ सिंह समेत तीनों सदस्यों को कार्यालय से बाहर कर दिया। इस कार्रवाई से नाराज होकर अभिषेक यादव और ऋषभ सिंह के नेतृत्व में छात्र संगठन ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। धरने में नारेबाजी करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक जिलाधिकारी उनसे माफी नहीं मांगते और प्रभारी निरीक्षक कोतवाल के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका धरना जारी रहेगा।
प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल भी कलेक्ट्रेट परिसर में तैनात रहा, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। छात्रों ने कहा कि वे निजी विद्यालयों में फीस वृद्धि और शिक्षा व्यवस्था की गिरावट को लेकर अपने संघर्ष में पीछे नहीं हटेंगे। उनका यह भी कहना था कि प्रशासन को उनके मुद्दों को गंभीरता से लेना होगा और शीघ्र समाधान करना होगा।
डीएम मांगे मांफी व कोतवाल के विरूद्ध कार्रवाई पर अड़े एबीवीपी कार्यकर्ता
धरना-प्रदर्शन में अभिषेक यादव, ऋषभ सिंह, जिला संगठन मंत्री/प्रचारक, रवि गुप्ता, अंकित ठाकुर, अमन गोंड, शानू शर्मा, हिमांशु मिश्रा और वैभव प्रताप गिरी समेत अन्य छात्र मौजूद रहे। वहीं प्रशासन ने फिलहाल मामले को शांतिपूर्ण ढंग से संभालने की कोशिश की।
विद्यार्थी परिषद ने अपनी मांगों में मुख्य रूप से निजी विद्यालयों में अवैध शुल्क वृद्धि को रोकने, शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, शिक्षक उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा शिक्षा से जुड़ी अन्य समस्याओं को दूर करने पर जोर दिया। संगठन का मानना है कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के बिना छात्रों का भविष्य उज्जवल नहीं हो सकता, इसलिए प्रशासन को उनकी आवाज़ पर ध्यान देना होगा।
इस घटना से यह स्पष्ट हुआ कि बलिया में शिक्षा व्यवस्था को लेकर छात्र संगठनों में चिंता और नाराजगी गहरी है। प्रशासन और छात्र संगठन के बीच संवाद स्थापित करना अब आवश्यक हो गया है, ताकि समस्या का समाधान निकाला जा सके और शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो सके।