Fatehpur: फतेहपुर जिले के मसवानी गांव स्थित शिव मंदिर एवं लक्ष्मी नारायण मंदिर में 42वां वार्षिक उत्सव बड़े हर्षोल्लास और धार्मिक आस्था के साथ मनाया गया। यह कार्यक्रम धार्मिक विधियों के साथ शुरू हुआ जिसमें विधिविधान, पूजा-पाठ और अनुष्ठान का समावेश था। मंत्रोच्चारण और भक्ति संगीत की मधुर ध्वनियों ने मंदिर परिसर को भक्तिमय कर दिया। श्रद्धालु पूजा-अर्चना में पूरी तरह डूब गए और आरती के माध्यम से ईश्वर की प्रार्थना की।
उत्सव के दौरान विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जो सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक लगातार चलता रहा। भंडारे में सैकड़ों श्रद्धालु एवं गांव के लोग पहुंचे और प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर परिसर श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भरा रहा और पूरे क्षेत्र में धार्मिक उत्साह की लहर दौड़ गई। इस भंडारे ने समुदाय के लोगों को एक साथ मिलकर धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक जुड़ाव का अनुभव कराया।
इस अवसर पर आयोजन समिति के प्रमुख भारत साहू ने बताया कि यह परंपरा उनके परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी निभाई जा रही है। उनके पूर्वज—बाबा और पिता—भी इस उत्सव के आयोजन का जिम्मा संभालते थे। पिछले पांच वर्षों से वे स्वयं इस पर्व को आयोजित कर रहे हैं। भारत साहू ने कहा, “यह मंदिर गांव की धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है। वार्षिकोत्सव न केवल धार्मिक कार्यक्रम है, बल्कि यह गांव के लोगों को एकजुट करने और सद्भावना फैलाने का एक सशक्त माध्यम भी है।”
इस धार्मिक आयोजन में भारत साहू के साथ संदीप, आशीष, सौरभ अग्रहरि, अतुल गुप्ता, अभिलाषा तिवारी, केतन गुप्ता, और बॉबी साहू समेत कई अन्य लोग भी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर इस परंपरा को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाई। उत्सव ने गांववासियों के बीच भाईचारे और एकता का संदेश भी मजबूत किया।
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मसवानी गांव में यह वार्षिक उत्सव न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि स्थानीय संस्कृति और सामाजिक जुड़ाव को भी सशक्त बनाता है। इस आयोजन से गांव में हर वर्ष नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है, जो आने वाले समय में भी जारी रहने की उम्मीद है।
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