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पुलिस ने कुख्यात डकैत भूदेव सिंह को गिरफ्तार किया, जो पिछले 10 वर्षों से साधु के भेष में रह रहा था। वह छविराम सिंह के गैंग का सदस्य था और कई गंभीर अपराधों में शामिल था। पुलिस ने न्यायालय से गैर जमानती वारंट के बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा।
साधु बनकर रहा कुख्यात डकैत
Mainpuri: मैनपुरी जिले में पुलिस ने एक चौंकाने वाली गिरफ्तारी की है। 65 वर्षीय भूदेव सिंह, जो पिछले 10 वर्षों से साधु के भेष में अपने गांव के पास स्थित नगला कोंडर में रह रहा था, एक समय का कुख्यात डकैत था। वह छविराम सिंह के गैंग का सक्रिय सदस्य था और उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी डकैती, हत्या, लूट और अपहरण जैसी घटनाओं में शामिल रहा। न्यायालय से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की और उसे साधु के रूप में गिरफ्तार किया।
80 के दशक में मैनपुरी में कुख्यात डकैत छविराम सिंह और उसकी गैंग का खौफ था। भूदेव सिंह, जो दन्नाहार थाना क्षेत्र के रठेरा गांव का रहने वाला था, उस गैंग का सक्रिय सदस्य था। छविराम सिंह के साथ मिलकर भूदेव सिंह ने न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था। वह डकैती, हत्या, लूट और अपहरण जैसे संगीन अपराधों में शामिल था।
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1982 में पुलिस के एनकाउंटर में छविराम सिंह के मारे जाने के बाद उसकी गैंग के कई सदस्य पकड़े गए और कुछ ने आत्मसमर्पण भी कर दिया। लेकिन भूदेव सिंह का कोई सुराग नहीं मिला। सन 1997 में उसे शस्त्र अधिनियम और गुंडा एक्ट में जेल भेजा गया था, लेकिन जमानत पर रिहा होने के बाद वह 2015 तक अदालत में पेशी पर आता रहा। इसके बाद वह अचानक गायब हो गया और पुलिस उसे ढूंढने में नाकाम रही।
हाल ही में न्यायालय से भूदेव सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद पुलिस की टीम ने उसकी तलाश तेज कर दी। थाना दन्नाहार प्रभारी वीरेंद्रपाल सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने स्थानीय मुखबिर की सूचना पर भूदेव सिंह को गिरफ्तार किया। मुखबिर ने बताया था कि वह नगला कोंडर गांव में साधु बनकर रह रहा था। पुलिस ने बिना देर किए उसे गिरफ्तार कर लिया और न्यायालय में पेश किया, जहां उसे जेल भेज दिया गया।
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गिरफ्तारी के बाद भूदेव सिंह ने पुलिस को बताया कि वह पिछले 10 वर्षों से साधु का भेष बनाकर नगला कोंडर में रह रहा था। उसने यह कदम पुलिस और न्यायालय से बचने के लिए उठाया था। भूदेव सिंह का साधु बनने का यह तरीका लोगों को धोखा देने के लिए था ताकि वह अपनी असली पहचान छिपा सके और कानून से बच सके। लेकिन अब उसकी गिरफ्तारी के बाद वह फिर से कानून के हाथों में है।