

महराजगंज के घुघली थाना क्षेत्र में झाड़ियों से रोने की आवाज सुनकर सब्जी विक्रेता हरिश्चंद्र ने नवजात को बचाया। पुलिस-स्वास्थ्य टीम ने बच्चे का इलाज कराया और चाइल्ड लाइन को सौंपने की प्रक्रिया शुरू की। घटना से इलाके में आक्रोश और हरिश्चंद्र की मानवता की सराहना। जानिए डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी ख़बर
प्रतीकात्मक छवि
Maharajganj: महराजगंज के घुघली थाना क्षेत्र के बैकुंठी नदी किनारे बुधवार को काली मंदिर के पास उस समय सनसनी फैल गई जब एक नवजात शिशु झाड़ियों में लावारिस हालत में पड़ा मिला। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर रेलवे ढाला वार्ड नंबर 11 निवासी सब्जी विक्रेता हरिश्चंद्र वहां पहुंचे। मासूम को कांपते और तड़पते देख उन्होंने तुरंत उसे अपने घर ले जाकर पानी पिलाया और गर्म कपड़े में लपेट दिया।
इसके बाद हरिश्चंद्र ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। नगर चौकी इंचार्ज अशोक गिरी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और नवजात को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घुघली भेजा गया। चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार करने के बाद बताया कि बच्चे की स्थिति फिलहाल स्थिर है। पुलिस ने शिशु का मेडिकल परीक्षण कराया और स्वास्थ्य की पुष्टि के बाद उसे चाइल्ड लाइन को सौंपने की तैयारी शुरू कर दी है।
घटना की जानकारी मिलते ही पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया। लोगों ने नवजात को झाड़ियों में छोड़ने को अमानवीय बताते हुए कड़ी निंदा की। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि सामाजिक दबाव या पारिवारिक हालात के कारण किसी ने यह कठोर कदम उठाया होगा।
हरिश्चंद्र के इस मानवीय कार्य की हर तरफ तारीफ हो रही है। स्थानीय लोग उन्हें मसीहा बताते हुए कह रहे हैं कि उन्होंने इंसानियत को जिंदा रखने का काम किया है। उनकी सूझबूझ और तत्परता से एक मासूम की जिंदगी बच गई।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है और यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आखिर इस नवजात को झाड़ियों में किसने और क्यों छोड़ा