

गोरखपुर के तिवारीपुर थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसे में 8 वर्षीय बच्ची आफरीन की खुले नाले में गिरने से मौत हो गई। मासूम मदरसे से लौटते समय बारिश में फिसलकर नाले में जा गिरी। स्थानीय लोग और नगर निगम इस हादसे से आहत हैं, लेकिन लापरवाही के आरोप भी सामने आ रहे हैं। जांच के आदेश दे दिए गए हैं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का कारण स्पष्ट होगा।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर नगर निगम क्षेत्र में सोमवार को एक आठ वर्षीय बच्ची आफरीन की खुले नाले में गिरकर मौत हो गई। यह घटना तिवारीपुर थाना क्षेत्र के घोसीपुर मोहल्ले की है, जहां भारी बारिश के बीच मासूम की जिंदगी दर्दनाक तरीके से खत्म हो गई। हादसे के बाद इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है।
पुलिस ने बताया कि लाला टोली निवासी अनीस की बेटी आफरीन, मदरसे से पढ़कर लौट रही थी। इसी दौरान हो रही भारी बारिश के बीच उसका पैर फिसल गया और वह पास ही बह रहे खुले नाले में गिर गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत बच्ची को नाले से बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट होगा मौत का कारण
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मौत के सही कारणों की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही हो पाएगी। प्राथमिक रूप से यह बारिश के दौरान नाले में गिरने की दुर्घटना मानी जा रही है।
स्थानीय लोगों में गुस्सा, नगर निगम पर लापरवाही का आरोप
घटना के बाद स्थानीय लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। उनका आरोप है कि नाले के निर्माण और मरम्मत कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई, यही इस दर्दनाक हादसे की वजह बना। लोगों ने नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
नगर निगम ने जताया दुख, जांच के दिए निर्देश
अपर नगर आयुक्त निरंकार सिंह ने इस घटना को "बेहद दुखद और हृदय विदारक" बताया है। उन्होंने कहा, "नगर निगम इस घटना से गहरा दुखी है और इस कठिन समय में पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है।" उन्होंने यह भी कहा, "मौत के कारणों की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगी। रिपोर्ट आने के बाद निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।" निरंकार सिंह ने यह भी स्वीकार किया कि प्रथम दृष्टया मामला गंभीर प्रतीत होता है और सभी तकनीकी व प्रशासनिक पहलुओं की गहन जांच की जाएगी।
नगर निगम की जवाबदेही पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर नगर निगम की कार्यप्रणाली और शहरी बुनियादी ढांचे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। खुले नालों की उचित ढकावट और चेतावनी संकेतों की कमी अक्सर जानलेवा साबित हो रही है। हादसे के बाद नगर निगम को सभी निर्माण स्थलों की सुरक्षा समीक्षा करने के आदेश दिए गए हैं।