

कन्नौज के पुराराय गांव में 30 ग्रामीणों को प्रशासन की ओर से मिले बुलडोजर नोटिस से मचा हड़कंप। 50 साल से अधिक समय से रह रहे ग्रामीणों को घर छोड़ने की दी गई धमकी, रिश्वत न देने का लगाया आरोप। विधायक कैलाश राजपूत डीएम से मिले, कहा- गरीबों के घर नहीं गिरने देंगे।
विधायक ने उठाई ग्रामीणों की मांग
Kannauj: कन्नौज जनपद के तिर्वा तहसील क्षेत्र के पुराराय गांव में सरकारी आवासों को ध्वस्तीकरण करने की खबर से ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। प्रशासन की ओर से कथित "अवैध कब्जा" बताकर करीब 30 ग्रामीणों को नोटिस दिया गया है, जिनमें से कई परिवार 50 से 60 वर्षों से इन आवासों में रह रहे हैं।
अधिकारियों पर रिश्वत मांगने का आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि तहसील प्रशासन के कुछ अधिकारियों द्वारा रिश्वत की मांग की गई थी। जब उन्होंने रिश्वत देने से इनकार किया तो उन्हें धमकी दी गई कि उनके आवासों पर जल्द ही ध्वस्तीकरण शुरू किया जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार को तहसीलदार अचानक गांव पहुंचे और बिना किसी सुनवाई या जांच के सभी आवासों को अवैध घोषित कर दिया।
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ग्रामीणों के पास दूसरा ठिकाना नहीं
इस खबर से पूरे गांव में हड़कंप मच गया है। दशकों से अपने घरों में रह रहे लोगों के लिए यह खबर किसी सदमे से कम नहीं है। ग्रामीणों ने कहा कि उनके पास कोई दूसरा ठिकाना नहीं है और जिन घरों को प्रशासन गिराने की बात कर रहा है। वो पीढ़ियों से उनके परिवारों के निवास स्थान रहे हैं।
ग्रामीणों के साथ विधायक कैलाश राजपूत
गुरुवार को ग्रामीण विधायक कैलाश राजपूत के साथ जिला मुख्यालय पहुंचे। डीएम कार्यालय में प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने डीएम को एक प्रार्थना पत्र सौंपा और अपने घरों को बचाने की गुहार लगाई। विधायक कैलाश राजपूत ने डीएम को स्पष्ट तौर पर कहा कि किसी भी गरीब का घर गिराने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि अगर कोई अतिक्रमण है तो पहले वैधता की जांच हो। उसके बाद ही कोई कार्रवाई की जाए।
विधायक ने जोर से उठाया मुद्दा
विधायक ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "यह सरासर अन्याय है। जो लोग 50-60 साल से एक जगह रह रहे हैं। वो अब अचानक कैसे अवैध हो सकते हैं? यह गरीबों को उजाड़ने की साजिश है। मैं प्रशासन से अपील करता हूं कि ऐसे मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाए। एक भी गरीब का मकान गिरने नहीं दिया जाएगा।"
डीएम ने दिए दोबारा जांच के आदेश
ग्रामीणों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा और किसी भी वैधानिक प्रक्रिया को नजरअंदाज करके कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि पहले जमीनों और मकानों की वैधता की पुनः जांच की जाए और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाए।