Site icon Hindi Dynamite News

बड़ा मुद्दा: यूपी के 2 लाख सरकारी टीचरों की चली जाएगी नौकरी! सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने उड़ाई नींद

सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले ने TET अनिवार्य कर दिया है, जिससे यूपी के करीब 2 लाख पुराने शिक्षक संकट में हैं। जानिए अब्दुल राशिद जैसे शिक्षकों के सामने क्या हैं चुनौतियां और आगे क्या हो सकता है।
Post Published By: Mayank Tawer
Published:
बड़ा मुद्दा: यूपी के 2 लाख सरकारी टीचरों की चली जाएगी नौकरी! सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने उड़ाई नींद

Lucknow: साल 1992 में उत्तर प्रदेश के एक प्राइमरी स्कूल शिक्षक अब्दुल मजीद की मौत के बाद उनके बेटे अब्दुल राशिद को मृतक आश्रित कोटे से शिक्षक की नौकरी मिली थी। उस समय शिक्षक पद के लिए न्यूनतम योग्यता सिर्फ 12वीं पास होना था। अब 53 वर्षीय अब्दुल राशिद उस व्यवस्था की उपज हैं, जो उस वक्त पूरी तरह से वैध और मान्य थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक ताजा फैसले ने अब उनकी नौकरी को ही अस्थिर कर दिया है।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

1 सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि जिन शिक्षकों की सेवा अवधि 5 साल से अधिक बची है, उन्हें अनिवार्य रूप से टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास करना होगा। अगर वे 2 साल की अवधि में TET पास नहीं कर पाते तो उन्हें या तो स्वेच्छा से इस्तीफा देना होगा या फिर अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Compulsory Retirement) लेनी होगी। यह आदेश पूरे देश के शिक्षकों पर लागू होगा और करीब 10 लाख शिक्षक इससे प्रभावित होंगे। केवल यूपी में ही लगभग 2 लाख शिक्षक इस फैसले की जद में हैं।

यूपी में चमकी इंसानियत की रोशनी, छात्र के चेहरे पर आई मुस्कान

क्या है अब्दुल राशिद की समस्या?

53 वर्षीय अब्दुल राशिद अब भी सिर्फ 12वीं पास हैं। उन्होंने न तो ग्रेजुएशन किया और न ही बीटीसी या डीएलएड जैसे प्रशिक्षण। अब उन्हें ना केवल TET की तैयारी करनी है, बल्कि पहले उसकी योग्यता (अर्हता) भी हासिल करनी होगी। TET परीक्षा के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता ग्रेजुएशन के साथ D.El.Ed या B.Ed होती है। यानी अब्दुल राशिद जैसे हजारों शिक्षकों को पहले ये कोर्स करने होंगे, फिर TET की परीक्षा देनी होगी।

टीचर्स की सबसे बड़ी चुनौतियां

कोर्ट में क्या मांग की गई थी?

याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि पुराने शिक्षकों को TET से छूट दी जाए, क्योंकि जब उनकी नियुक्ति हुई थी। तब यह परीक्षा अस्तित्व में ही नहीं थी। लेकिन कोर्ट ने यह दलील ठुकरा दी और कहा, “शिक्षा का स्तर गिर रहा है। योग्य शिक्षक होना जरूरी है। TET जैसे मानकों से समझौता नहीं किया जा सकता।” हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि माइनॉरिटी संस्थानों पर यह आदेश लागू होगा या नहीं, इसका फैसला बड़ी बेंच लेगी।

बचपन के दोस्तों से मिले अखिलेश यादव: आगरा के मिलिट्री स्कूल पहुंचे, कहा- यादें ताजा हो गईं

आगे क्या विकल्प हैं?

सरकार यदि चाहे तो नीति स्तर पर राहत दे सकती है। जैसे TET पास न कर सकने वाले शिक्षकों को अन्य प्रशासनिक कार्यों में समायोजित किया जाए। शिक्षक संगठन कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकते हैं। कुछ शिक्षक ऑनलाइन ग्रेजुएशन और D.El.Ed कोर्स में दाखिला लेकर इस शर्त को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।

Exit mobile version