भारी तनाव के बीच 50 घंटे बाद हुआ जितेन्द्र यादव का अंतिम संस्कार लेकिन पुलिसिया पैंतरेबाजी से सवाल अब भी कायम
महिला जिला पंचायत सदस्य के पुत्र जितेन्द्र यादव की निर्मम हत्या के बाद मुकदमा लिखने में पुलिस ने जो खेल किया उसे देख हर कोई हैरान रह गया कि कैसे पुलिस सत्ता के दबाव में काम कर रही है। दो दिनों से परेशान परिजनों की मांगों पर प्रशासन के घुटने टेकने के बाद लाश का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस बीच लगातार 50 घंटे तक परिजनों और ग्रामीणों के भारी विरोध, नारेबाजी, हाय-हाय, मुर्दाबाद और सड़क जाम से पुलिस अफसरों के पसीने छूट गये। पुलिस महकमे के बड़े अफसरों की नादानियों के बाद अब यह मामला ऐसे मोड़ पर आ खड़ा हुआ है कि इसमें पुलिस की तनिक भी पैंतरेबाजी भविष्य में बड़ी अनहोनी घटना की वजह बन सकती है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव: