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Jitendra Yadav

भारी तनाव के बीच 50 घंटे बाद हुआ जितेन्द्र यादव का अंतिम संस्कार लेकिन पुलिसिया पैंतरेबाजी से सवाल अब भी कायम
भारी तनाव के बीच 50 घंटे बाद हुआ जितेन्द्र यादव का अंतिम संस्कार लेकिन पुलिसिया पैंतरेबाजी से सवाल अब भी कायम

महिला जिला पंचायत सदस्य के पुत्र जितेन्द्र यादव की निर्मम हत्या के बाद मुकदमा लिखने में पुलिस ने जो खेल किया उसे देख हर कोई हैरान रह गया कि कैसे पुलिस सत्ता के दबाव में काम कर रही है। दो दिनों से परेशान परिजनों की मांगों पर प्रशासन के घुटने टेकने के बाद लाश का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस बीच लगातार 50 घंटे तक परिजनों और ग्रामीणों के भारी विरोध, नारेबाजी, हाय-हाय, मुर्दाबाद और सड़क जाम से पुलिस अफसरों के पसीने छूट गये। पुलिस महकमे के बड़े अफसरों की नादानियों के बाद अब यह मामला ऐसे मोड़ पर आ खड़ा हुआ है कि इसमें पुलिस की तनिक भी पैंतरेबाजी भविष्य में बड़ी अनहोनी घटना की वजह बन सकती है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:

मृतक जितेन्द्र यादव की पत्नी का अपर पुलिस अधीक्षक आशुतोष शुक्ला पर बड़ा आरोप
मृतक जितेन्द्र यादव की पत्नी का अपर पुलिस अधीक्षक आशुतोष शुक्ला पर बड़ा आरोप

जितेन्द्र यादव हत्याकांड से जुड़ी बहुत बड़ी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर आ रही है। मृतक की पत्नी बबिता यादव ने आरोप लगाया है कि अपर पुलिस अधीक्षक आशुतोष शुक्ला ने उससे कहा है कि यदि विधायक का नाम मुकदमे में लिखवाओगी तो ट्रायल में केस ही खत्म हो जायेगा। बड़ा सवाल यह है कि क्या एएसपी ने किसी को बचाने के लिए इस कोशिश में थे कि मुकदमा में नामजद लोगों के नाम पुलिस के हिसाब से लिखे जायें न कि परिजनों के हिसाब से? क्या एएसपी अब अदालत का काम करेंगे? उन्हें कासे पता कि यदि विधायक का नाम आय़ेगा तो केस कमजोर हो जायेगा? आखिर किसके दबाव में जिला पुलिस काम कर रही है?

जितेन्द्र यादव हत्याकांड LIVE: पुलिसिया पक्षपात से भड़के परिजन दो दिन बाद भी लाश का अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं, विवाद गहराया
जितेन्द्र यादव हत्याकांड LIVE: पुलिसिया पक्षपात से भड़के परिजन दो दिन बाद भी लाश का अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं, विवाद गहराया

दो दिन पहले महराजगंज जिले के फरेन्दा थाना क्षेत्र में हुई महिला जिला पंचायत सदस्य अमरावती देवी के पुत्र जितेन्द्र यादव की गोलियों से भूनकर निर्मम हत्या के मामले पुलिस खुद-ब-खुद अपनी पक्षपातपूर्ण कार्यवाही के बुने जाल में बुरी तरह फंसती जा रही है। 48 घंटे बीत चुके हैं लेकिन गलत एफआईआर लिखे जाने से नाराज परिजन अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं हैं। पुलिस के बड़े अफसर निष्पक्ष कार्यवाही करने की बजाय गुमराह करने पर आमादा हैं कि मृतक के भाई कल रात में आगरा पहुंच चुके हैं आते ही सुबह पहले अंतिम संस्कार हो जायेगा लेकिन हकीकत जुदा है और पुलिसिया मनगढ़ंत कहानी की कलई सबके सामने है।