DN Exclusive: तो क्या पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के भतीजे अनंत मणि फरेंदा विधानसभा से लड़ेंगे चुनाव?

डीएन संवाददाता

फरेन्दा विधानसभा सीट से कई बार विधायक रहे हैं पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के चाचा श्याम नारायण तिवारी। इस सीट पर अब पूर्व मंत्री के परिवार से क्या कोई चुनाव लड़ेगा? यदि लड़ेगा तो कौन लड़ेगा? अमरमणि त्रिपाठी की छोटी पुत्री अलंकृता या फिर भाई अजीत मणि के पुत्र अनंत मणि? डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव

बायें अजीत मणि और दायें अनंत मणि
बायें अजीत मणि और दायें अनंत मणि


फरेन्दा (महराजगंज): कल तक इलाके में यही चर्चा थी कि गोरखपुर मंडल में दमदार राजनीतिक उपस्थिति रखने वाले पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के पुत्र अमन नौतनवा और छोटी पुत्री अलकृंता फरेंदा विधानसभा से चुनाव लड़ेंगी लेकिन इधर एक नयी चर्चा ने जन्म ले लिया है। 

खबर ये है कि फरेन्दा विधानसभा सीट से अमरमणि त्रिपाठी के छोटे भाई और 2009 में सपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ चुके अजीत मणि के पुत्र अनंत मणि भी चुनावी ताल ठोंकने के मूड में हैं।

अनंत द्वारा सोशल मीडिया पर किया गया पोस्ट

इस बात की जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिये दी है।

अनंत ने खुद को सोशल मीडिया पर फरेन्दा के भावी प्रत्याशी के रुप में प्रचारित करना शुरु कर दिया है। 

पूर्व मंत्री अमरमणि खुद तीन भाई हैं। जब अमरमणि बदली परिस्थितियों में जेल गये तो उन्होंने राजनीति में अपने छोटे भाई अजीत मणि को आगे किया और 2009 को लोकसभा चुनाव सपा उम्मीदवार के रुप में लड़ाया।

इधर जब उनके बच्चे बड़े हुए तो उन्होंने एक तरह से अपनी राजनीतिक विरासत पुत्र अमन को सौंपते हुए नौतनवा विधानसभा की बागडोर सौंप दी। 

अमन के अलावा अमरमणि की दो और पुत्रियां हैं। बड़ी पुत्री तनुश्री को वे महराजगंज संसदीय सीट से सांसद का चुनाव लड़ाना चाहते हैं तो वहीं छोटी पुत्री अलंकृता को फरेन्दा विधानसभा से विधायकी का।

खबरें भी इसी तरह की थीं लेकिन इसी बीच अजीत मणि और उनके पुत्र की एक तस्वीर सपा प्रमुख के साथ दिखायी देने लगी। इसके बाद नये कयासों ने जन्म लिया कि क्या पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी का परिवार साइकिल की सवारी करने का मन बना रहा है?

इस सवाल का जवाब तो वक्त आने पर मिलेगा कि अमन खुद नौतनवा का चुनाव किसी दल से लड़ेंगे या फिर निर्दल लेकिन अब यह देखना ज्यादा दिलचस्प होगा कि इस रसूखदार राजनीतिक परिवार से अमरमणि अपनी छोटी बेटी को मौका देंगे या फिर भतीजे को? 

 

 

 










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