Eid A Milad Un Navi 2018: जानिए.. क्यों मनाई जाती है ईद-ए-मिलाद-उन-नबी

इस्लामिक त्यौहार ईद-मिलाद-उन-नबी (Eid A Milad Un Navi 2018) 20 और 21 नवंबर को मनाई जाएगी। मुसलमानों के लिए यह मीठी ईद के बाद यह सबसे अहम त्यौहार है। डाइनामाइट न्यूज की स्पेशल रिपोर्ट में पढें क्यों मनाई जाती है ईद-ए-मिलाद-उन-नबी..

Updated : 19 November 2018, 7:53 PM IST
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नई दिल्ली: पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला इस्लामिक त्योहार ईद-ए-मिलाद-उन-नबी 20 और 21 नवंबर को मनाई जाएगी। मुसलमानों के लिए यह मीठी ईद के बाद यह सबसे अहम त्यौहार है। इस्लाम के सबसे आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के पैदाइश का दिन है।

 

पैगंबर हजरत मोहम्मद आखिरी संदेशवाहक और सबसे महान नबी माने जाते हैं, जिन को खुद अल्लाह ने फरिश्ते जिब्रईल द्वारा कुरान का सन्देश दिया था।मुस्लिम समुदाय को लोग इनके लिए हमेशा परम आदर भाव रखते हैं। मुसलमानों के लिए बड़ा त्योहार माने जाने वाले इस दिन को लेकर मुस्लिम समाज में अलग-अलग मत है।

 

ईद मिलाद उन नबी के दिन रात भर प्रार्थनाए चलती रहती हैं। पैगंबर मोहम्मद के प्रतीकात्मक पैरों के निशान पर प्रार्थना की जाती है। मोहम्मद साहब की शान में बड़े-बड़े जुलूस निकाले जाते हैं। इस दिन पैगंबर मोहम्मद हजरत साहब को पढ़ा जाता है और उन्हें याद किया जाता है।इस्लाम का सबसे पवित्र ग्रंथ कुरान भी इस दिन पढ़ा जाता है। इसके अलावा लोग मक्का मदीना और दरगाहों पर जाते हैं। 
 

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