क्यों कश्मीर में बढ़ रहे आतंकी हमले? क्या है आतंकवाद पर सरकार का रुख

जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से आतंकी घटनाएं बढ़ गईं हैं। इसको लेकर सरकार और कानून व्यवस्था पर तमाम सवाल उठ रहे हैं। आज के डाइनामाइट न्यूज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे आखिर क्यों कश्मीर में ये आतंकी घटनाएं बढ़ रही हैं।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 4 November 2024, 3:20 PM IST
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नई दिल्‍ली: जम्मू कश्मीर और श्रीनगर में अचानक से आतंकी हमले बढ़ने लगे हैं। बढ़ते हमलों को देख सरकार और कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं। ये हमले क्यों बढ़ रहे हैं। इसके क्या कारण हैं इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार से बतायेंगे। 

जम्मू-कश्मीर में चुनाव के बाद निवेश काफी बढ़ गया है। पर्यटकों की संख्या भी काफी बढ़ गई है। कश्मीर मैराथन का आयोजन और विकास पाकिस्तान को रास नहीं आ रहा है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को कश्मीर की ये शांति और जम्मू-कश्मीर में सक्रिय कुछ तत्वों को रास नहीं आ रहे हैं।

प्रदेश और केंद्र के बीच टकराव 
कश्मीर में आतंकी हमलों में तेजी के पीछे एक कारण निर्वाचित सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव पैदा कर की साजिश हो सकती है। आतंकी संगठन को ये पता है कि कश्मीर की कानून व्यवस्था केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है। आतंकी हमला होने पर प्रदेश की सरकार केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराएगी। वहीं विभिन्न राजनीतिक दल प्रदेश सरकार पर आरोप लगाएंगे।

अप्रवासियों को रोकना
आतंकी अप्रवासी श्रमिकों व निर्माण योजनाओं से जुड़े लोगों पर हमला कर रहे हैं। ये हमले कश्मीर में निर्माण योजनाओं को प्रभावित करने के लिये हो रहे हैं। आतंकियों की ये भी साजिश है कि अन्य राज्य के लोगों को कश्मीर में बसने से रोका जाये। आतंकी जब अप्रवासी श्रमिकों पर हमला करेंगे तो देश के अन्य जगहों पर प्रचार होगा कि कश्मीर में हालात ठीक नहीं हैं। इससे कश्मीर में निवेश रुक जायेगा। 

आतंकवाद के खिलाफ उठाये जा रहे कदम 
बढ़ते आतंकी हमलों को देखते हुये उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हालात को भांपते हुए सभी सुरक्षा एजेंसियों को अपने कार्य अधिकार क्षेत्र में स्थिति का आंकलन करने का कहा है। जानकारी के मुताबिक आतंकियों के खात्मे के लिए सभी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने समन्वय के आधार पर प्रभावी कार्य योजना तैयार की है। इसके तहत विभिन्न क्षेत्रों में आतंकियों व उनके समर्थकों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। सभी संवेदनशील इलाकों में अस्थायी चौकियां और नाके स्थापित करने के अलावा गश्त बढ़ा दी गई है।