WB Panchayat Elections: पंचायत चुनाव में भारी हिंसा और मौतों के बाद जागी ममता बनर्जी, पुलिस को अब दी खुली छूट

डीएन ब्यूरो

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की 'छिटपुट' घटनाओं में लोगों की मौत होने से वह दुखी हैं। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की 'छिटपुट' घटनाओं में लोगों की मौत होने से वह दुखी हैं।

बनर्जी ने कहा कि हिंसा के पीछे जो लोग हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उनकी सरकार ने पुलिस को खुली छूट दे दी है।

उन्होंने कहा, 'मैं (पंचायत चुनाव के दौरान) हिंसा की छिटपुट घटनाओं में लोगों की मौत होने से मैं दुखी हूं...चुनाव 71,000 बूथ पर हुए, लेकिन हिंसा की घटनाएं 60 से कम बूथ पर हुईं।’’

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि आठ जून को चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद से चुनाव संबंधी हिंसा में 19 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के थे।

हालांकि, पुलिस सूत्रों ने मरने वालों की संख्या 37 बताई है।

उन्होंने मारे गए लोगों में से प्रत्येक के परिजन को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को विशेष होम गार्ड की नौकरी देने की घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘‘हिंसा के पीछे जो लोग हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मैं पुलिस को खुली छूट दे रही हूं।’’

बनर्जी ने चुनाव के बाद शांति एवं सद्भाव की अपील भी की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने राज्य के हिंसा प्रभावित इलाकों में तथ्यान्वेषी टीम भेजने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना भी साधा।

उन्होंने इसे 'भाजपा संरक्षण समिति' और 'उकसाने वाली समिति' बताते हुए सवाल उठाया कि ऐसी टीम जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर या अगरतला में क्यों नहीं भेजी गईं, जहां इस साल की शुरुआत में विपक्षी कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर हमला किया गया था।

बनर्जी ने कहा, ‘‘जब मणिपुर जल रहा था तब तथ्यान्वेषी टीम कहां थी? जब असम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर जल रहा था तब यह टीम कहां थी? दो साल के भीतर करीब 154 ऐसी टीम बंगाल भेजी गई हैं।’’

उन्होंने ग्रामीण चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की शानदार सफलता के लिए बंगाल के लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि वास्तव में पार्टी को उसके खिलाफ विपक्ष द्वारा 'झूठ फैलाने' से जीत हासिल करने में मदद मिली।

उन्होंने कहा, ‘‘आपको (विपक्ष को) मेरे प्रति इतनी नफरत क्यों है? क्या इसलिए क्योंकि मैं एक साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से आती हूं? क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं एकता के लिए बोलती हूं?’’

बनर्जी ने कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की भी आलोचना की और उन पर चुनावी हिंसा के लिए समान रूप से जिम्मेदार होने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं नफरत और हिंसा की राजनीति नहीं करती। मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि राम (भाजपा), 'बाम' (वामपंथी दल) और 'श्याम' (कांग्रेस) ने साजिश रची और हिंसा का सहारा लिया। मैं बहुत कुछ नहीं कहना चाहती क्योंकि हमारा लक्ष्य राष्ट्रीय स्तर पर (गैर-भाजपा दलों की) एकता का है।’’










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