उत्तरकाशी टनल हादसा,सेना के हरकुलिस विमान से पहुंची ये मशीने, अब होगा ये काम

यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से पिछले 80 घंटों से अधिक समय से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने के प्रयासों में भूस्खलन और तकनीकी कारणों से पड़ी अड़चन के बाद बुधवार को दिल्ली से विमानों के जरिए एक भारी ऑगर मशीन चिन्यालीसौड़ लायी गयी पढ़िए डाईनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 15 November 2023, 6:29 PM IST
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उत्तरकाशी: यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने से पिछले 80 घंटों से अधिक समय से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने के प्रयासों में भूस्खलन और तकनीकी कारणों से पड़ी अड़चन के बाद बुधवार को दिल्ली से विमानों के जरिए एक भारी ऑगर मशीन चिन्यालीसौड़ लायी गयी ।

सुरंग में मंगलवार रात को ताजा भूस्खलन के कारण मलबे में बड़े व्यास के माइल्ड स्टील पाइप डालकर 'एस्केप टनल' बनाने के लिए की जा रही ड्रिलिंग को रोकना पड़ा था। इसके बाद ड्रिलिंग के लिए स्थापित की गयी ऑगर मशीन भी खराब हो गई थी जिससे बचाव कार्य में बाधा आयी।

उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने कहा कि भारी ऑगर ड्रिलिंग मशीन को दो हिस्सों में दिल्ली से भारतीय वायुसेना के हरक्यूलिस विमानों से चिन्यालीसौड़ हवाईअडडे पहुंचा दिया गया है। उन्होंने कहा कि यहां से इसे सड़क मार्ग से सिलक्यारा लाया जाएगा ।

उन्होंने बताया कि सिलक्यारा पहुंचते ही इसके दोनों हिस्सों को जोड़ा जाएगा और फिर इसे सुरंग के अंदर प्लेटफार्म पर रखकर ड्रिलिंग शुरू की जाएगी।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की कार्रवाई तेजी से की जा रही है।

राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के निदेशक अंशु मनीष खाल्खो ने मौके पर संवाददाताओं को बताया कि करीब 25 टन वजनी अत्याधुनिक और भारी ऑगर मशीन मंगलवार को सुरंग में लगायी गयी मशीन की जगह लेगी ।

उन्होंने बताया कि इस भारी ऑगर मशीन की भेदन क्षमता बहुत ज्यादा है और इस मशीन के जरिए एक घंटे में चार—पांच मीटर तक मलबे के अंदर भेदा जा सकता है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार खाल्खो ने कहा, 'जैसे ही मशीन आएगी, हम उसे स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे और चार—पांच घंटों में इससे ड्रिलिंग शुरू कर दी जाएगी । इसकी भेदन क्षमता को देखते हुए हमें उम्मीद है कि हम 10 घंटों में 50 मीटर मलबे को भेद सकते हैं।'

उन्होंने कहा कि फंसे श्रमिकों को बाहर निकाले जाने की सही समय सीमा बताना संभव नहीं है लेकिन हमारा प्रयास जल्द से जल्द उन्हें बाहर लाने का रहेगा ।

अधिकारी ने कहा कि सभी श्रमिक सुरक्षित हैं और बचावकर्मियों का उनसे लगातार संपर्क बना हुआ है ।

घटनास्थल पर जारी बचाव अभियान की अद्यतन जानकारी देते हुए एनएचआइडीसीएल द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मंगलवार को स्थापित किए गए ड्रिलिंग उपकरण को इसलिए बदला जा रहा है क्योंकि इसकी काम करने की गति धीमी थी ।

अधिकारियों ने कहा कि सुरंग में फंसे सभी श्रमिक सुरक्षित हैं और उन्हें पाइप के जरिए लगातार ऑक्सीजन, पानी, सूखे मेवे सहित अन्य खाद्य सामग्री, बिजली, दवाइयां आदि पहुंचाई जा रही है।

उधर, पिछले तीन दिनों से अधिक समय से फंसे श्रमिकों के परिजन अब अपना धैर्य खोते जा रहे हैं। श्रमिकों को बाहर निकालने के प्रयासों में हो रही देरी के विरोध में उनके परिजनों ने निर्माणाधीन सुरंग के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

मलबे के अंदर ड्रिलिंग कर पाइपों से 'एस्केप टनल' तैयार करने के लिए मंगलवार को स्थापित की गयी मशीनों के काम न करने पर उसके स्थान पर कोई वैकल्पिक योजना न होने पर प्रदर्शनकारियों ने अपना गुस्सा जताया।

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