Virat Kohli Video: क्रिकेटर विराट कोहली के वीडियो का उत्तराखंड हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, सरकारों से जवाब तलब
क्रिकेटर विराट कोहली द्वारा बच्चों के लिए खेल के मैदानों की कमी के बारे में जारी वीडियो का स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य और केंद्र सरकारों से मामले पर दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नैनीताल: क्रिकेटर विराट कोहली द्वारा बच्चों के लिए खेल के मैदानों की कमी के बारे में जारी वीडियो का स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य और केंद्र सरकारों से मामले पर दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने उत्तराखंड के खेल सचिव और भारत सरकार के शहरी विकास सचिव और युवा मामलों और खेल के सचिव सहित अन्य लोगों को नोटिस जारी किए।
अदालत ने पूछा कि बच्चों को खेल के मैदान उपलब्ध कराने के लिए सरकारों द्वारा क्या नीति लागू की गयी है।
मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख नौ अक्टूबर तय की गयी है।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक कोहली ने बच्चों के साथ बातचीत का एक वीडियो जारी किया है जिसमें उन्होंने खेल के क्षेत्र में जमीनी हकीकतों का खुलासा किया है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि कई स्थानों पर बच्चे खेल के मैदानों से वंचित हैं।
कुछ बच्चों ने भी मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखा था कि जब वे सड़क पर गली क्रिकेट खेलते हैं तो जगह की कमी उनके खेल के साथ ही वहां के निवासियों की शांति में बाधा डालती है।
खेल के मैदानों को बच्चों के लिए जरूरी बताते हुए उच्च न्यायालय ने सरकारों से खेल के मैदानों के विकास से संबंधित अपनी नीति पेश करने को कहा।
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अदालत ने यह भी पूछा कि 'खेलो इंडिया' कार्यक्रम के तहत ऐसी कोई योजनाएं हैं जहां बच्चों की शारीरिक वृद्धि एवं विकास के लिए खेल के मैदान जरूर बनाए जाएं।
खंडपीठ ने कहा कि खेलों से शारीरिक फिटनेस बेहतर होती है और इसके लिए आधारभूत संरचनाओं की जरूरत है। अदालत ने कहा कि इन दिनों बच्चे अपना वक्त कम्प्यूटर, मोबाइल फोन और लैपटॉप पर गुजारते हैं।
अदालत ने टिप्पणी की कि शारीरिक गतिविधि के अभाव में बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में कमी आती है ।