उत्तराखंड: देवभूमि में आफत बनकर बरस रही बारिश, मलबे में दबे कई घर
पिछले तीन दिनों से उत्तराखंड में रुक-रुककर हो रही बारिश जनता के लिए आफत का सबब बन गयी है। बारिश से न सिर्फ भूस्खलन हो रहा हैं बल्कि कई जगहों पर मलबा घरों में गिरने से ये घर ध्वस्त हो गए हैं। वहीं कई मुख्य मार्ग भी इस कारण बंद कर दिए गए हैं। डाइनामाइट न्यूज की स्पेशल रिपोर्ट..
देहरादूनः उत्तराखंड में पिछले तीन दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश और भूस्खलन से प्रदेश में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। रविवार सुबह भी कुमाऊं व गढ़वाल दोनों मंडलों में कई जगहों पर बारिश हुई। वहीं मौसम विभाग ने कुमाऊं में अगले 24 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
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मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह का कहना हैं कि पर्वतीय क्षेत्रों में जाने वाले यात्रियों और कुमाऊं के निचले क्षेत्रों में रहने वालों को अतिरिक्त सतर्कता और सावधानी बरतने की जरूरत है। रविवार सुबह थल-मुनस्यारी मार्ग पर भारी मात्रा में मलबा रास्ते पर आने से यह मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। यह मार्ग कई गांवों को जोड़ता हैं अब इसके बंद होने से इन गांवों से संपर्क टूट गया है।
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वहीं नैनी गांव के पास एक पेड़ के रास्ते पर गिरने से यहां भी आवागमन प्रभावित हुआ है। बात अगर गंढ़वाल की करें तो यहां कोटद्वार में शनिवार को आई बाढ़ के बाद बारिश अब भी जारी है जिससे यहां की नदियां उफान पर हैं। यहीं नहीं बारिश से यहां पांच मकान भी ध्वस्त हो गए।
वहीं आमपड़ाव में एक मकान में मलबा गिरने से एक महिला इसमें दब गई। बदरीनाथ हाइवे को भी सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है। राज्य में कई जगहों रप अस्थायी पुलों के बह जाने से इससे भी संपर्क पूरी तरह से टूट गया है।
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नजीबाबाद- कोटद्वार के बीच रेलवे ट्रेक पर पेड़ के गिरने से मसूरी एक्सप्रेस तीन घंटे 10 मिनट देरी से कोटद्वार रेलवे स्टेशन पर पहुंची। जिससे नजीबाबाद- कोटद्वार के बीच एक पैसेंजर ट्रेन को रद्द कर दिया गया।
इससे रक्षाबंधन पर यात्रियों को खासी परेशानी हुई। बारिश की वजह से हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा भी उफान पर हैं यहां का जलस्तर भी पहले से बढ़ गया है। इससे रुड़की में तटबंध टूटने से हजारों बीघा जमीन डबू गई।