Uttarakhand: करोड़ों रुपये हुए खर्च लेकन उत्तरकाशी की ताम्बाखाणी सुरंग में नहीं रुका पानी का रिसाव, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनी ताम्बाखाणी सुरंग के अंदर पानी का रिसाव नहीं रुक पा रहा है जिससे वहां गंदगी और कीचड़ पसर गयी है और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

तांबाखाणी सुरंग में पानी के रिसाव से गंदगी
तांबाखाणी सुरंग में पानी के रिसाव से गंदगी


उत्तरकाशी:  करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनी ताम्बाखाणी सुरंग के अंदर पानी का रिसाव नहीं रुक पा रहा है जिससे वहां गंदगी और कीचड़ पसर गयी है और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । इस संबंध में उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने कहा कि सुरंग में रिसाव को रोकने के उपाय सुझाने के लिए एक जांच समिति का गठन किया गया है जिसकी रिपोर्ट के आधार पर कदम उठाए जाएंगे ।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार दस साल पहले सुरंग निर्माण के बाद से ‘लाइनिंग एवं ड्रेनेज’ कार्य पर 15 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च की जा चुकी है लेकिन सुरंग की दीवारों से पानी का भारी मात्रा में रिसाव जारी है ।

इस 380 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण 2003 में वरुणावत पर्वत के उपचार के लिए दिए गए पैकेज के तहत किया गया। सुरंग निर्माण के लिए 19 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए और इसका कार्य सिंचाई विभाग को दिया गया । सुरंग का कार्य 2006 में शुरू हुआ और 2013 में विभाग ने सुरंग बनाकर तैयार कर दी।

लेकिन इसके बाद सुरंग में कई तकनीकी खामियां सामने आईं और उसमें ‘ड्रेनेज सिस्टम’, बरसाती पानी को रोकने के लिए ‘वाटर ट्रैप सिस्टम एवं लाइनिंग’ जैसे कार्य के लिए 15 करोड़ रुपये स्वीकृत कर सुधार कार्य किया गया।

करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी सुरंग के हालात नहीं सुधर पाए । अत्यधिक बारिश होने के कारण सुरंग में जगह-जगह दीवारों से पानी का रिसाव हो रहा है जिससे सुरंग क्षतिग्रस्त होने की आंशका बनी है। रिसाव से सुरंग में जगह-जगह कीचड़ फैल रहा है जो स्थानीय एवं चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों लिए मुसीबत बन गया है।

रुहेला ने बताया कि सुरंग में भारी मात्रा में हो रहे पानी के रिसाव को लेकर जांच समिति गठित की गई है जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल), लोक निर्माण विभाग एवं सिचांई विभाग के विशेषज्ञ शामिल हैं । उन्होंने कहा कि समिति जल्द ही स्थलीय जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी ।










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