Uttarakhand: सीएम धामी ने चमोली पहुंचकर करंट हादसा पीड़ितों से की मुलाकात, जानिये घटना को लेकर ये अपडेट

उत्तराखंड के चमोली में हुए करंट हादसे के एक दिन बाद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को घटनास्थल पर पहुंचकर इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से मुलाकात की और घायलों का हालचाल जाना । पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 20 July 2023, 1:52 PM IST
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देहरादून: उत्तराखंड के चमोली में हुए करंट हादसे के एक दिन बाद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को घटनास्थल पर पहुंचकर इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से मुलाकात की और घायलों का हालचाल जाना ।

धामी ने दुर्घटना में मारे गए पुलिसकर्मियों के शवों पर भी पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी ।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह बहुत ह्रदयविदारक घटना है और हम भगवान से दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना करते हैं।’’

परिजन को ढांढस बंधाते हुए भावुक नजर आ रहे मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि दुख की इस घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है। उन्होंने कहा कि दुर्घटना से प्रभावित हुए लोगों की मदद के लिए मुआवजा सहित सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की गयी हैं। उन्होंने कहा कि घायलों का समुचित उपचार कराया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी घटना की जानकारी ली है और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उनसे इस सबंध में बात की है ।

धामी ने कहा कि हादसे की तह तक पहुंचने के लिए घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।

इस दौरान, मुख्यमंत्री के साथ उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी सतपाल महाराज और धनसिंह रावत, भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, कुछ विधायक और अधिकारी भी मौजूद थे।

दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद बुधवार को भी धामी चमोली के लिए रवाना हुए थे लेकिन मौसम खराब होने के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा । इसके बाद उन्होंने एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था) ऋषिकेश जाकर वहां लाए गए गंभीर घायलों का हालचाल लिया ।

चमोली कस्बे में अलकनंदा नदी के किनारे ‘नमामि गंगे’ परियोजना के तहत बने मल जल शोधन संयंत्र (एसटीपी) में करंट फैलने से 16 व्यक्तियों की मौत हो गयी जबकि 11 अन्य घायल हो गए।

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