Uttar Pradesh: सोनभद्र में नाबालिग छात्रा ने मौत को लगाया गले
यूपी के सोनभद्र में गुरुवार को एक नाबालिग छात्रा द्वारा खुदकुशी का मामला सामने आया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
सोनभद्र: दुद्धी थाना क्षेत्र के निमियाडी गांव में एक नाबालिग लड़की(Minor Girl) के फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide) करने की घटना सामने आई है। परिजनों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव (Dead Body) को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम (Postmortem) के लिए भेज दिया। पुलिस (Police) मामले की तहकीकात में जुट गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार घटना सोनभद्र (Sonbhadra) के दुद्धी थाना क्षेत्र के निमियाडी गांव (Nemiadi village of Duddhi police station area) की है। मृतका की पहचान रायशा खातून (17) पुत्री मुबारक अली के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार घटना के समय पूरा परिवार दूसरे कमरे में था। आवाज देने पर जब रायशा ने कोई जवाब नही दिया तो परिजनों ने खिड़की से झांककर देखा तो उनके पैरों से जमीन खिसक गई। किशोरी का शव फंदे से लटक रहा था। परिजनों ने शव को तुरंत फंदे से नीचे उतार कर देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी। घटना से पूरे परिवार मातम छा गया।
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जानकारी के अनुसार आठ दिन पहले किशोरी के पिता को छेड़खानी के आरोप में 7 साल की सजा हुई थी। किस्त न भर पाने से फाइनेंस कंपनी वाले 5 दिन पहले स्कूटी भी उठा ले गए थे। इस सदमे को मासूम बर्दाश्त नहीं कर पायी और उसने खौफनाक कदम उठाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर दी।
स्कूटी छीने जाने पर उठाया बड़ा कदम
मृतका के बड़े पापा ने बताया कि मृतका रायशा 12वीं में पढ़ती थी। घर से स्कूल दूर होने के कारण पिता ने एक इलेक्ट्रिक स्कूटी फाइनेंस पर उसे खरीद कर दी थी। उसी स्कूटी से रायशा रोज स्कूल जाया करती थी। फाइनेंस का एक-दो किस्त छूट गयी था। इस वजह से फाइनेंस वालों ने स्कूल जाते समय बाजार से उसकी स्कूटी छीन ली थी। जबकि रायशा बार-बार ऐसा न करने के लिए कह रही थी। काफी मिन्नत करने के बाद भी वो नहीं माने और स्कूटी लेकर चले गए।
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मायूस और उदास छात्रा पैदल ही अपने घर आई और अपने मां को रोते हुए पूरी बात बताई और कहा कि मां अब हम स्कूल नहीं जाएंगे। पापा भी जेल चले गए अब हम लोग क्या करेंगे।
ग्राम प्रधान ने बतायी ये बात
ग्राम प्रधान ने बताया कि रायशा की स्थिति बताती हैं कि आर्थिक समस्या और पारिवारिक कठिनाइयों ने उसे गहरे अवसाद में धकेल दिया। स्कूटी का छिनना और पिता का जेल जाना उसके जीवन में बहुत बड़ा आघात बना। जिससे वह उबर नहीं पाई।