परीक्षाओं में धांधली कराने वाले शातिर गिरोह का एसटीएफ ने किया पर्दाफाश

यूपी एसटीएफ ने सरकारी भर्ती परीक्षाओं में धांधली करने वाले एक बड़े शातिर गिरोह का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है। यह गिरोह लंबे समय से सरकारी भर्तियों में सेंधमारी करने में लगा था।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 12 November 2017, 5:09 PM IST
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लखनऊ: यूपी एसटीएफ के चीफ अमिताभ की टीम ने एक बड़ी कार्यवाही के तहत सरकारी भर्ती परीक्षाओं में अनुचित साधनों धांधली करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। यह गिरोह इलाहाबाद समेत पूर्वांचल के कई जिलों में भर्ती परीक्षाओं में लंबे समय से सेंधमारी करने में लगा था। एसटीएफ ने इस गिरोह के 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह शातिर गिरोह परीक्षार्थियों से परीक्षा में अनुचित साधनों के प्रयोग से सफलता दिलाने के नाम पर 2 से 3 लाख रुपए वसूलता था। साथ ही परीक्षाओं में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और ब्लूटूथ की मदद से दूर बैठा साल्वर परीक्षा में पूछे गए सवालों के जवाब परीक्षा केंद्र में बैठे अभ्यर्थी को दे देता था।

हाईकोर्ट की परीक्षा में होना थी धांधली

यूपी एसटीएफ को यह उल्लेखनीय सफलता तब मिली, जब एसटीएफ को इलाहाबाद, भदोही, बनारस समेत दूसरे कई जिलों में होने वाली इलाहाबाद हाईकोर्ट की 'ग्रुप सी, ग्रुप डी' की भर्ती परीक्षाओं में एक गिरोह द्वारा धांधली किए जाने की सूचना मिली। इस जानकारी के आधार पर एसटीएफ ने गिरोह के बारे में सूचनाएं एकत्र करना शुरू किया। एसटीएफ को पता लगा कि इलाहाबाद के 'मेरी लुकस स्कूल' के सामने वाले मैदान में गिरोह के लोग आने वाले हैं। साथ ही इस मौके पर वहां अभ्यर्थियों से पैसे के लेन-देन समेत हाई कोर्ट की 12 नवंबर को होने वाली परीक्षा में अनुचित साधनों के प्रयोग संबंधी बातचीत भी होगी।

गिरोह का सरगना समेत 4 गिरफ्तार 

इस जानकारी के आधार पर एसटीएफ ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से वहां आरोपियों की घेराबंदी की। एसटीएफ ने 2 बाईकों से आए 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया, जिसमें गिरोह का सरगना भी शामिल था। एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों के नाम मनीष मिश्रा पुत्र दयाशंकर मिश्रा, निवासी इलाहाबाद,  सुनील उपाध्याय पुत्र श्याम नारायण उपाध्याय, निवासी भदोही,  कृष्णकांत दुबे पुत्र अरविंद दुबे, निवासी भदोही राजकुमार यादव पुत्र उमाशंकर यादव, निवासी मिर्जापुर हैं। जिसमें मनीष मिश्रा गिरोह का सरगना भी है।

2 से 3 लाख रुपए वसूलता था गिरोह

एसटीएफ द्वारा पकड़ा गया यह शातिर गिरोह परीक्षार्थियों से परीक्षा में अनुचित साधनों के प्रयोग से सफलता दिलाने के नाम पर 2 से 3 लाख रुपए वसूलता था। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और ब्लूटूथ की मदद से दूर बैठा साल्वर परीक्षा में पूछे गए सवालों के जवाब परीक्षा केंद्र में बैठे अभ्यर्थी को दे देता था। परीक्षा केंद्र में इस तरह की हो रही अनियमितता की भनक किसी को नहीं लग पाती थी।

8 से 10 सालों से चल रहा गोरखधंधा

 गिरोह के सरगना मनीष मिश्रा ने एसटीएफ को बताया की पिछले 8 से 10 सालों से वह सरकारी भर्ती परीक्षाओं में मदद के नाम पर अभ्यर्थियों से पैसे वसूलने में लगा था। इस काम में उसकी मदद गणेश मौर्य निवासी भदोही करता था। गिरोह के सरगना ने एसटीएफ को बताया की हाईकोर्ट की 12 नवंबर को होने वाली परीक्षा के मद्देनजर दिल्ली से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मंगाए गए थे। वही इस काम में उसकी मदद कृष्णकांत दुबे, सुनील उपाध्याय करते थे। उसने बताया की गिरोह के सभी सदस्यों के काम बटें हुए थे।

ब्लूटूथ डिवाइस से सवालों के उत्तर

एसटीएफ ने बताया की गिरोह कि जिन अभ्यर्थियों से परीक्षा में मदद दिल आने की बात हुई थी। उन्हें परीक्षा से 1 दिन पहले 11 नवंबर को इलाहाबाद बुलाया गया था। जिससे सभी को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस उपलब्ध कराई जा सके। सरगना ने बताया की हाई कोर्ट की भर्ती परीक्षा में उसके घर में बैठे साल्वर ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से सवालों के उत्तर बतातें। वहीं मामले में थाना कर्नलगंज पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा संख्या 1006, धारा 419, 420 467, 468, 471 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज जेल भेज दिया है।
 

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