योगी के शहर के मेडिकल कालेज में 30 मरीजों की सनसनीखेज मौत, खबर सबसे पहले डाइनामाइट न्यूज़ पर
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में 30 से अधिक मरीजों की ऑक्सीजन सप्लाई जबरन ठप कर देने से सनसनीखेज मौत का मामला सामने आया है। 50 से ज्यादा मरीज बेहोशी की हालत में अभी भी जिंदगी औऱ मौत से जूझ रहे हैं। प्रशासन अभी तक इस मामले पर जबान खोलने को तैयार नही है और न ही घर वालों को कोई सही सूचना दी जा रही है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इन बेगुनाहों की मौतों का जिम्मेदार कौन है? यह खबर आपको सबसे पहले डाइनामाइट न्यूज़ दे रहा है।
गोरखपुर: शहर के नामचीन बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन सप्लाई जबरन ठप कर देने के कारण 30 से अधिक मरीजों ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। मासूमों और मरीजों की दर्दनाक मौत से चारों तरफ चीख पुकार व अफरा-तफरी का गोरखपुर में माहौल है। मेडिकल कालेज में कोहराम मचा हुआ है। प्रशासन खबरों को दबाने में जुटा हुआ है। डाइनामाइट न्यूज़ ने यह खबर सबसे पहले देश को दी। इस खबर के बाद चारों तरफ हड़कंप मच गया और अब जिला प्रशासन मौतों के कारणों की लीपा-पोती में जुट गया है। सबसे बड़ा सवाल यह कि आखिर यूपी सीएम के गृह जिले में हुई दर्दनाक मौतों का जिम्मेदार कौन है?
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हमारे संवाददाता के मुताबिक इस दर्दनाक हादसे का सिलसिला कल रात शुरू हुआ जो अब तक जारी है। 50 से अधिक मरीज बेहोशी की हालत में है और जिंदगी औऱ मौत से संघर्ष कर रहे हैं।
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क्या है कारण
डाइनामाइट न्यूज़ को मिली सनसनीखेज जानकारी के मुताबिक मेडिकल कालेज को आक्सीजन सप्लाई कर वाली एजेंसी का 68 लाख रुपए का भुगतान बकाया था जिसके चलते गुरुवार शाम को फर्म ने अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति ठप कर दी। इसके बाद भी मेडिकल प्रशासन सोता रहा।
सारे मामले में मेडिकल कालेज प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आयी है। लिक्विड ऑक्सीजन गुरुवार से ही बंद हो गये थे और ये सब जानकारी होने के बाद भी मेडिकल कालेज ने समय रहते कोई इंतजाम नहीं किया। बीआरडी मेडिकल कालेज में दो साल पहले लिक्विड आक्सीजन का प्लांट लगाया गया था। इसके जरिए इंसेफेलाइटिस वार्ड सहित करीब तीन सौ मरीजों को पाइप के जरिए आक्सीजन दी जाती है।
घटना के बाद मेडिकल कालेज के इंसेफेलाइटिस वार्ड में मरीजों को अम्बू बैग के सहारे रखना पड़ा।
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जानकारी के मुताबिक रात आठ बजे इंसेफलाइटिस वार्ड में आक्सीजन सिलेंडर से की जा रही सप्लाई रुकी तो इसे लिक्विड आक्सीजन से जोड़ा गया, जो रात 11 बजे खत्म हो गई। इसके बाद 1:30 बजे रात तक सप्लाई ठप रही। इसके बाद मेडिकल कालेज में मासूमों और मरीजों की दर्दनाक मौत का सिलसिला शुरु हो गया और हाहाकर मचने लगा। रात 1.30 बजे सिलेंडर आक्सीजन की गाड़ी आई तो सप्लाई शुरु हुई। यह आक्सीजन सुबह फिर खत्म हो गई और मौतों का सिलसिला जारी रहा। दो दिन पहले से ही ऑक्सीजन के संकट की बात हॉस्पिटल के सामने थी लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया और इस सारी लापरवाही ने 30 जानें ले ली।