‘सनातन धर्म’ पर विवादित टिप्पणी करने वाले उदयनिधि को मंत्रिमंडल से हटाया जाए
केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता शोभा करंदलाजे ने सोमवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन से मांग की कि वह मंत्री उदयनिधि स्टालिन को सनातन धर्म के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए तत्काल अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
हैदराबाद: केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता शोभा करंदलाजे ने सोमवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन से मांग की कि वह मंत्री उदयनिधि स्टालिन को सनातन धर्म के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए तत्काल अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें।
उदयनिधि ने एक कार्यक्रम में कथित तौर पर कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इसका उन्मूलन किया जाना चाहिए।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री करंदलाजे ने कहा कि तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि द्वारा की गई टिप्पणी सनातन हिंदू धर्म को ‘अपमानित’ करने वाली है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार करंदलाजे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे इस तरह से बात कर रहे हैं...हमें बहुत बुरा लगा। हमारा देश धर्म और मंदिर से जुड़ा है। वह (उदयनिधि) जिम्मेदारी वाले पद पर आसीन हैं और उनके पिता मुख्यमंत्री हैं...वह क्या बोल रहे हैं? वह क्या सोचते हैं?’’
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उन्होंने मांग करते हुए कहा, ‘‘स्टालिन को तत्काल उन्हें (उदयनिधि) मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देना चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।’’
केंद्रीय मंत्री हैदाराबाद में जी-20 की ‘जलवायु अनुकूल कृषि’ विषय पर आयोजित तकनीकी कार्यशाला में शामिल होने आई थीं।
भाजपा नेता ने तमिलाडु की द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार को राज्य में कथित धर्मांतरण के लिए जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा, ‘‘तमिलनाडु में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हो रहा है और इसके पीछे कौन है... मेरा मानना है कि धर्मांतरण के पीछे राज्य सरकार है और वे सनातन धर्म को गाली दे रहे हैं एवं अपमानित कर रहे हैं। यह पूरी तरह से गलत है। इसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’
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करंदलाजे ने कहा कि तमिलनाडु के लोग धार्मिक हैं और नियमित तौर पर मंदिर जाते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में कई बड़े मंदिर हैं और इस तरह की टिप्पणी उन सभी का ‘निरादर’ है।
तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक एवं कलाकार संघ की शनिवार को यहां आयोजित बैठक को तमिल में संबोधित करते हुए उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है।
उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया, और डेंगू वायरस एवं मच्छरों से होने वाले बुखार से करते हुए कहा कि ऐसी चीजों का केवल विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि इन्हें समाप्त कर देना चाहिये ।