दलित छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या के मामले में दो पुलिसकर्मी निलंबित, परिजनों का धरना समाप्त

डीएन ब्यूरो

राजस्थान के बीकानेर जिले में एक दलित छात्रा की कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या का मामला सामने आया है। इस घटना में कथित भूमिका के लिए दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

सामूहिक दुष्कर्म (फाइल)
सामूहिक दुष्कर्म (फाइल)


जयपुर: राजस्थान के बीकानेर जिले में एक दलित छात्रा की कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या का मामला सामने आया है। इस घटना में कथित भूमिका के लिए दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

बीकानेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) ओम प्रकाश ने बताया कि छात्रा का शव मंगलवार को खाजूवाला इलाके में मिला था।

उन्होंने कहा,‘‘उसके परिवार के सदस्यों ने खाजूवाला थाने के दो कांस्टेबलों सहित तीन लोगों का नाम लिया है। दोनों पुलिसकर्मियों को तुरंत निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।”

शुरू में पीड़िता के परिजनों और रिश्तेदारों ने पोस्टमार्टम नहीं होने दिया और आरोपी की गिरफ्तारी, मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने समेत अपनी मांगों को लेकर थाने के बाहर धरना दिया।

हालांकि पुलिस एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता एवं उनकी मांगों पर आश्वासन के बाद शाम को पीड़िता के परिजन पोस्टमार्टम के बाद शव को लेने के लिए तैयार हो गए।

पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि उनकी निगरानी में एसआईटी द्वारा मामले की जांच, परिवीक्षाधीन आईपीएस अधिकारी द्वारा पुलिसकर्मियों पर लगे आरोपों की जांच, राज्य सरकार की ओर से 10 लाख रुपये और सामाजिक संस्थाओं से 15 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को संविदा नौकरी देने के आश्वासन पर परिजन बुधवार को धरना समाप्त करने पर सहमत हुए।

उन्होंने कहा कि गतिरोध खत्म होने के बाद शाम को पोस्टमॉर्टम शुरू हुआ और बृहस्पतिवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 'पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा।'

उन्होंने कहा कि मृतका के परिवार के सदस्यों ने दो पुलिस कांस्टेबलों सहित तीन लोगों पर लड़की से बलात्कार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि दोनों पुलिसकर्मियों को तुरंत निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।

ओम प्रकाश ने बताया कि मामले का मुख्य आरोपी दिनेश विश्नोई है और खाजूवाला थाने के दो पुलिस कर्मियों की भूमिका की जांच की जा रही है।

उन्होंने कहा कि पुलिस कांस्टेबलों से पूछताछ कर रही है जबकि घटना के बाद से फरार तीसरे आरोपी दिनेश विश्नोई को पकड़ने के लिए अलग-अलग टीम गठित की गई हैं।

पुलिस ने कहा कि खाजूवाला थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 376-डी (सामूहिक दुष्कर्म) सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।

परिजनों का आरोप है कि पुलिसकर्मी मनोज और भागीरथ ने तीसरे आरोपी दिनेश विश्नोई के साथ मिलकर उसे घर ले गए, जहां सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी।

पुलिस ने कॉल रिकॉर्ड का हवाला देते हुए कहा कि पीड़िता और मुख्य आरोपी दिनेश विश्नोई एक-दूसरे को जानते थे।

इस बीच, विपक्षी भाजपा ने इस घटना को लेकर अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार को घेरा है।

नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड ने ट्वीट कर कहा कि खाजूवाला, बीकानेर में युवती से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में अब तक दोनों आरोपी कांस्टेबल को गिरफ्तार नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कार्रवाई के नाम पर दोनों कांस्टेबल को सिर्फ निलंबित कर खानापूर्ति की जा रही है लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई है जिससे युवती के परिजनों में भी पुलिस प्रशासन के प्रति नाराजगी जाहिर की है।

उन्होंने कहा,“मैं राज्य सरकार से इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग करता हूं।’’

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने बाद में कहा कि मुख्यमंत्री दुष्कर्म की घटनाओं के रोष को भटकाने के लिए भाजपा और संघ पर ऊल-जलूल आरोप लगाते हैं। उन्होंने कह कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा का नारा ‘लडकी हूं, लड सकती हूं’ को यहां क्यों भुला दिया जाता है।

भाजपा कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में जोशी ने कहा ‘‘राजस्थान उनके (वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं) के लिए केवल पर्यटन स्थल है, यहां वे पीडित महिलाओं के आंसू पोंछने नहीं आती। यहां उन्हे दलित महिलाओं पर अत्याचार नजर नहीं आते। ’’

उन्होंने कहा कि प्रदेश में साढे चार साल में महिला दुष्कर्म की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दलित युवती के बलात्कार और हत्या के मामले को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीकानेर के खाजूवाला में एक दलित महिला के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले की जितनी निंदा की जाए कम है। उन्होंने कहा कि जिनके कंधों पर महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, यदि वही पुलिस ऐसे कुकृत्यों में सहभागी है, तो इसे शर्मनाक और कुछ नहीं हो सकता।

उन्होंने ट्वीट में कहा कि कांग्रेस सरकार अपने खोखले दावों और झूठे प्रचार से जनता को सिर्फ गुमराह कर रही है जबकि हकीकत यह है कि महिला अपराधों की श्रेणी में राजस्थान की वर्तमान जैसी बदहाल स्थिति पहले कभी नहीं देखी गई है।

 










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