Madhya Pradesh: नामीबिया से आए दो और चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में छोड़ा गया
नामीबिया से लाए गए दो और चीतों को बुधवार को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में जंगल में छोड़ दिया गया। केएनपी में सितंबर 2022 में अफ्रीकी देश से चीतों को यहां बसाने के लिए लाया गया था। वन विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
श्योपुर: नामीबिया से लाए गए दो और चीतों को बुधवार को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में जंगल में छोड़ दिया गया। केएनपी में सितंबर 2022 में अफ्रीकी देश से चीतों को यहां बसाने के लिए लाया गया था। वन विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इसके साथ ही नामीबिया से लाए गए आठ चीतों में से चार को श्योपुर जिले के केएनपी के जंगल में छोड़ दिया गया है।
श्योपुर के वन मंडल अधिकारी (डीएफओ) पी के वर्मा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि एल्टन और फ्रेडी, जिन्हें ‘रॉकस्टार’ के नाम से जाना जाता है, को शाम करीब साढ़े छह बजे एक बड़े बाड़े से उद्यान के फ्री रेंज क्षेत्र में सफलतापूर्वक छोड़ दिया गया।
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उन्होंने कहा, ‘‘दोनों स्वस्थ हैं और बेहतर कर रहे हैं।’’
इससे पहले 11 मार्च को दो चीतों - ओबन और आशा को केएनपी में लाए जाने के लगभग छह महीने बाद जंगल में छोड़ दिया गया।
भारत में चीतों को पुनः बसाने की योजना ‘‘प्रोजेक्ट चीता’’ के तहत नामीबिया से आठ चीतों- पांच मादा और तीन नर को यहां केएनपी में लाया गया था। भारत में चीते 70 साल पहले विलुप्त प्रजाति घोषित कर दिए गए थे।
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नामीबिया से यहां लाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष 17 सितंबर को केएनपी में एक विशेष बाड़े में इन चीतों को छोड़ा था। पहले इन चीतों को छोटे बाड़ों में अलग रखा गया था बाद में बड़े बाड़ों में रखा गया।
चीतों का दूसरा जत्था जिसमें एक दर्जन चीते- सात नर और पांच मादा शामिल थे, को 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से केएनपी लाया गया। केएनपी में अब कुल 20 चीते हैं।