Uttar Pradesh: यूपी में फर्जी अभिलेखों पर दो जालसाजों ने हासिल की नौकरी, बलिया से एक गिरफ्तार, जानिये पूरा मामला
बलिया की जिला अदालत में फर्जी अभिलेखों के आधार पर समूह 'घ' के पद पर नौकरी हासिल करने के मामले में दो लोगों के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज कर उनमें से एक को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
बलिया: बलिया की जिला अदालत में फर्जी अभिलेखों के आधार पर समूह 'घ' के पद पर नौकरी हासिल करने के मामले में दो लोगों के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज कर उनमें से एक को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस अधीक्षक एस. आनंद ने बताया कि बलिया शहर कोतवाली में मंगलवार को दीवानी अदालत के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अशोक कुमार उपाध्याय की तहरीर पर मऊ जिले के पिपरी गांव के निवासी धर्मेंद्र यादव और गोरखपुर के रहने वाले आलोक नामक व्यक्ति के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जिला अदालत में नौकरी हासिल करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
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उन्होंने बताया कि इस मामले में दी गयी तहरीर में कहा गया है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की तरफ से गत 16 मई को बलिया के जिला जज को जनपद न्यायालय में समूह 'घ' के पदों पर नियुक्ति पाये 31 कर्मचारियों की पहचान और दस्तावेज का सत्यापन कर नियुक्ति पत्र जारी करने के सिलसिले में पत्र भेजा गया था। इन कर्मियों में मऊ जिले के दोहरीघाट थाना क्षेत्र स्थित पिपरी गांव के धर्मेंद्र यादव का भी नाम शामिल था। दस्तावेजों की पड़ताल के दौरान पाया गया कि यादव ने फर्जी अभिलेखों के आधार पर नौकरी हासिल की है।
आनंद ने बताया कि यादव की तस्वीर और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पोर्टल पर उपलब्ध फोटो में भिन्नता पाई गई। वह तस्वीर गोरखपुर के रहने वाले आलोक नामक व्यक्ति की है। इस पर दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी धर्मेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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