आतंकवाद से संबंधित मामले में दो आरोपियों को एनआईए की हिरासत में भेजा गया
मुंबई की एक विशेष अदालत ने आईएसआईएस मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार दो व्यक्तियों को शुक्रवार को एक बार फिर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया। इससे पहले एजेंसी ने अदालत से कहा कि आरोपियों ने राजस्थान में दर्ज आतंकवाद से संबंधित मामले के आरोपियों को “धन और आश्रय” प्रदान किया था।
मुंबई: मुंबई की एक विशेष अदालत ने आईएसआईएस मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार दो व्यक्तियों को शुक्रवार को एक बार फिर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया। इससे पहले एजेंसी ने अदालत से कहा कि आरोपियों ने राजस्थान में दर्ज आतंकवाद से संबंधित मामले के आरोपियों को “धन और आश्रय” प्रदान किया था।
जुबैर शेख और जुल्फिकार अली उन चार लोगों में शामिल हैं, जिन्हें इस महीने की शुरुआत में एनआईए ने आईएसआईएस मॉड्यूल मामले में पकड़ा था।
अदालत ने आईएसआईएस के इशारे पर भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के मामले में गिरफ्तार पांचवें व्यक्ति अदनान अली सरकार को भी शुक्रवार को आठ अगस्त तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया। जांच एजेंसी ने अदनान को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया था।
एनआईए ने शुक्रवार को कहा कि उसे जानकारी मिली है कि महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते की पुणे इकाई ने राजस्थान में आतंकवाद से जुड़े एक मामले में कथित संलिप्तता में वांछित दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
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एनआईए की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक संदीप सदावर्ते ने अदालत को यह भी बताया कि उन्हें यह भी बताया गया है कि एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए और राजस्थान मामले से जुड़े इन दो व्यक्तियों ने देश भर में छह-सात स्थानों की टोह ली थी।
जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि यह पता चला है कि जुबैर शेख और जुल्फिकार अली ने एटीएस द्वारा पकड़े गए इन दोनों आरोपियों को आश्रय और धन मुहैया कराया था।
एनआईए ने कहा कि उसे रेकी के कारण और उनकी भविष्य की योजनाओं का पता लगाने की जरूरत है, जिसके लिए उसे जुबैर शेख और जुल्फिकार अली को 10 दिन के लिए हिरासत में लेने की जरूरत है।
जुल्फिकार अली की ओर से पेश वकील ताहिरा शेख ने कहा कि जानकारी उन्हें (एनआईए को) पुणे एटीएस द्वारा प्रदान की गई थी।
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उन्होंने कहा कि ये तथ्य पुणे एटीएस के संज्ञान में आए हैं, जो एक अन्य प्राथमिकी की जांच कर रही है और दो एजेंसियां एक ही अपराध के लिए हिरासत का दावा नहीं कर सकतीं।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जुबैर शेख और जुल्फिकार अली को 31 जुलाई तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया।