जानिये, यूपी लौट रहे प्रवासी श्रमिकों की किस तरह ट्रैकिंग कर रही सरकार

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में शहरों से लौट रहे प्रवासी श्रमिकों की संख्या लगातार बढती जा रही है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इनकी पहचान बेहद जरूरी है। जानिये, सरकार किस तरह कर रही इनकी ट्रैकिंग..

फाइल फोटो
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लखनऊ:  कोरोना वायरस के संकट और लॉकडाउन के चलते शहरों में फंसें प्रवासी श्रमिकों का यूपी में घर लौटने का सिलसिला जारी है। सोमवार से देश में 200 ट्रेनों  का संचालन बढने से घर लौटने वाले श्रमिकों की संख्या में तेज बढोत्तरी हो सकती है। ऐसे में इन श्रमिकों की ट्रैकिंग करना सरकार के लिये चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि बाहर से आने वालों के कारण कोरोना संक्रमण के जोखिम बढ रहे हैं। 

यूपी के स्टेट प्रिंसीपल सैक्रेटरी (स्वास्थ्य) अमित मोहन ने सोमवार को बताया कि राज्य में लौट रहे प्रवासियों पर सरकार द्वारा पूरी जनर रखी जा रही है। प्रदेश में आशा वर्कर्स के जरिये उनकी ट्रैकिंग की जा रही है। सभी का पूरा विवरण जुटाया जा रहा है।

सरकार के मुताबिक आशा वर्कर्स की मदद से अब तक राज्य में 11,47,872 मजदूरों को ट्रैक किया जा चुका है। इनमें से 1027 मजूदरों में कोरोना के लक्षण पाये गये हैं। ऐसे मजदूरों के सैंपल लेकर जांच के लिये भेजे जा रहे है और दिशा-निर्देशों के मुताबिक उनसे नियमों का पालन कराया जा रहा है। सरकार लगातार राज्य में लौट रहे मजदूरों की मॉनटरिंग कर रही है, ताकि कोरोना संक्रमण के जोखिमों को कम किया जा सके।

उत्तर प्रदेश के एडिशनल चीफ सैक्रेटरी (होम) अविनाश अवस्थी के मुताबिक सोमवार दो बजे तक राज्य में अब तक कुल 1587 ट्रेनें प्रवासी मजदूरों को लेकर पहुंच चुकी है। इसमें सोमवार से शुरू हुई ट्रेनों के अलावा पिछले कुछ दिनों से प्रवास श्रमिकों के लिये शुरू की गयी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें भी शामिल हैं। इनमें से कुल 16 ट्रेनें अकेले आज सोमवार को राज्य के विभिन्न स्टेशनों पर प्रवासियों को लेकर पहुंची हैं।  

अगले 2-3 दिनों में राज्य में 60 और ट्रेनें पहुंचने वाली हैं। इन ट्रेनों के राज्य में पहुंचने के साथ ही कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते यूपी लौटने वाले लोगों की कुल संख्या लगभग 22.5 लाख हो जायेगी। 
 










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