Haryana Violence: गुरुग्राम में मजार को बनाया गया निशाना, कोर्ट ने नूंह में ध्वस्तीकरण अभियान पर दिया ये आदेश
: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने नूंह में ध्वस्तीकरण अभियान पर सोमवार को रोक लगा दी, जहां पिछले सप्ताह सांप्रदायिक झड़पें होने के बाद प्रशासन ‘‘अवैध रूप से निर्मित’’ इमारतों पर बुलडोजर चला रहा था। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
गुरुग्राम/चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने नूंह में ध्वस्तीकरण अभियान पर सोमवार को रोक लगा दी, जहां पिछले सप्ताह सांप्रदायिक झड़पें होने के बाद प्रशासन ‘‘अवैध रूप से निर्मित’’ इमारतों पर बुलडोजर चला रहा था। अदालत ने सवाल किया कि क्या यह एक ‘‘जातीय सफाये की कवायद है।’’
वहीं, अज्ञात लोगों ने गुरुग्राम में सोमवार तड़के एक मजार में इबादत से संबंधित सामग्री में कथित तौर पर आग लगा दी।
न्यायमूर्ति जी एस संधावालिया और न्यायमूर्ति हरप्रीत कौर की अदालत ने नूंह में इमारतों को ध्वस्त किये जाने की कार्रवाई का स्वत: संज्ञान लिया और हरियाणा सरकार को ध्वस्तीकरण अभियान रोकने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा, 'जाहिरा तौर पर, बिना किसी विध्वंस आदेश और नोटिस के, कानून और व्यवस्था की समस्या का इस्तेमाल कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया का पालन किए बिना इमारतों को गिराने के लिए किया जा रहा है।’’
अदालत ने कहा, ‘‘मुद्दा यह भी उठता है कि क्या कानून और व्यवस्था की समस्या की आड़ में किसी विशेष समुदाय की इमारतों को गिराया जा रहा है और राज्य द्वारा जातीय सफाये, की कवायद की जा रही है।’’
अदालत ने हरियाणा सरकार को नोटिस भी जारी किया, जिसे महाधिवक्ता बी आर महाजन ने स्वीकार कर लिया। मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को करना तय किया गया।
अधिकारियों ने कहा था कि जब 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की शोभायात्रा को पथराव करने वाली भीड़ ने निशाना बनाया था, तब कुछ इमारतों का इस्तेमाल दंगाइयों द्वारा किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कई ‘‘अवैध तौर पर निर्मित’’ ढांचों को ढहा दिया गया है। उक्त हिंसा में होम गार्ड के दो जवान और एक इमाम समेत छह लोग मारे गए थे।
गुरुग्राम के खांडसा गांव में स्थित मजार में, अज्ञात लोगों के एक समूह ने सोमवार तड़के इबादत से संबंधित सामग्री में कथित तौर पर आग लगा दी। मजार की देखरेख करने वाले व्यक्ति ने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा आग पर काबू पाये जाने तक इबादत से जुड़ी कुछ सामग्री जल गई। मजार पर मुस्लिम और हिंदू, दोनों समुदायों के लोग जाते हैं।
मजार की देखरेख करने वाले घसीटा राम द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, रविवार रात साढ़े आठ बजे जब वह खांडसा गांव स्थित मजार से फिरोज गांधी कॉलोनी स्थित अपने घर के लिए निकले तबतक सब कुछ सामान्य था। उन्होंने सेक्टर-37 पुलिस थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में कहा ‘‘रात लगभग एक बजकर 30 मिनट पर मुझे मजार के पास रहने वाले किसी व्यक्ति का यह फोन आया कि कुछ अज्ञात लोगों ने इसमें आग लगा दी है।’’
राम ने कहा कि लोगों की मदद से आग पर काबू पा लिया गया। उन्होंने शिकायत में कहा, ‘‘लेकिन जब मैंने वहां जाकर देखा, तो मजार में रखी गई चढ़ावे की सामग्री जल चुकी थी।’’
राम ने कहा कि उन्हें पता चला कि पांच-छह युवा वहां एकत्र हुए थे और उन्होंने मजार में आग लगायी। राम ने कहा कि वह करीब सात साल से मजार की देखरेख का काम कर रहे हैं और उन्होंने सभी धर्मों के लोगों को वहां इबादत करते देखा है।
यह भी पढ़ें |
Haryana : मानव तस्करी के आरोप में तीन रोहिंग्या पुरुषों को 10-10 साल सश्रम कारवास की सजा
बाजार के बीच स्थित इस छोटी सी मजार की भीतरी दीवारों पर ‘‘पीर बाबा’’ की कब्र के साथ हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें भी हैं। बाहरी दीवार पर एक हिंदू देवता की तस्वीर और ॐ तथा स्वास्तिक के चिह्न बने हुए हैं। राम ने अपनी शिकायत में कहा कि मजार को आग लगाने की घटना से लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
राम ने सोमवार सुबह ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘यह पीर बाबा की दशकों पुरानी मजार है और सभी ग्रामीण यहां जियारत करते हैं।’’ उन्होंने आशंका जताई कि मजार में रखी सामग्री में आग लगाने की घटना में कुछ बाहरी लोग संलिप्त रहे होंगे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मजार में आगजनी के मामले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 34 (साझा इरादे को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा मिलकर काम करना), 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देना), 188 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा), 436 (मकान को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ से किया गया कृत्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिशें की जा रही हैं।
यह घटना तब हुई, जब पिछले हफ्ते पड़ोसी जिले नूंह में शुरू हुई सांप्रदायिक झड़पों के आसपास के इलाकों में फैलने के मद्देनजर गुरुग्राम में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगी हुई थी जिसके तहत चार या इससे ज्यादा लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी है। गुरुग्राम जिला प्रशासन ने सोमवार को धारा 144 हटा ली।
नूंह जिले में अधिकारियों ने रविवार को एक होटल सहित कुछ अवैध ढांचों को ध्वस्त कर दिया, जहां से कथित तौर पर धार्मिक यात्रा पर पथराव किया गया था। उच्च न्यायालय ने ध्वस्तीकरण अभियान का स्वत: संज्ञान लिया और राज्य सरकार को आगे कोई तोड़फोड नहीं करने का निर्देश दिया।
नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि अदालत के आदेश के बाद जिले में ध्वस्तीकरण अभियान रोक दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अधिकारियों को अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान रोकने का आदेश दिया है।’’
अधिकारियों ने कहा कि पिछले तीन दिन में जिले में 37 जगहों पर 57.5 एकड़ जमीन से अवैध निर्माण हटाया गया है। उन्होंने बताया कि सोमवार तक जिले में 162 स्थायी और 591 कच्चे ढांचों को ध्वस्त कर दिया गया है।
गुरुग्राम के तिगरा गांव में सोमवार को महापंचायत के बाद गठित एक समिति ने इमाम की हत्या की ‘‘निष्पक्ष जांच’’ के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग करते हुए दावा किया कि गांव के कुछ युवाओं को हमले के संबंध में बलि का बकरा बनाया गया।
उपायुक्त और पुलिस आयुक्त को दिए ज्ञापन में समिति ने मस्जिद पर हमले के ‘‘कारणों’’ की जांच की भी मांग की।
नूंह जिले में विहिप की यात्रा पर हमले के कुछ घंटों बाद, एक अगस्त की सुबह भीड़ द्वारा गुरुग्राम के सेक्टर 57 में अंजुमन मस्जिद पर हमला मामले में कम से कम चार ग्रामीणों को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के विरोध में ये महापंचायत आयोजित की गई।
यह भी पढ़ें |
Haryana Violence: हरियाणा हिंसा और जातीय सफाये’ को लेकर हाई कोर्ट में जानिये क्या बोली राज्य सरकार
ज्ञापन में कहा गया, ‘‘पुलिस के पास उनके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सबूत नहीं है और उन्हें केवल बलि का बकरा बनाया गया है। गिरफ्तारियां केवल संदेह और गलत जानकारी के आधार पर की गईं।’’
ज्ञापन में मांग की गई कि जांच एक सप्ताह के भीतर पूरी की जानी चाहिए और पुलिस द्वारा ‘‘प्रताड़ित और गिरफ्तार’’ किए गए चार लोगों को रिहा किया जाना चाहिए।
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने समिति को आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। उन्होंने समिति के सदस्यों से कहा, ‘‘जो दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, किसी निर्दोष को बेवजह परेशान नहीं किया जाएगा।’’
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गुरुग्राम में राठीवास गांव के पास एक ढाबे में शनिवार रात को आग लगा दी गई थी और इस संबंध में उसी रात बिलासपुर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई। गुरुग्राम पुलिस ने यह भी बताया कि उसने रविवार रात सोहना में हिंसा मामले के 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया और उन्हें एक अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
कांग्रेस की हरियाणा इकाई के प्रमुख उदयभान के नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को नूंह का दौरा करने की योजना बनाई है। पार्टी ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य क्षेत्र में शांति और भाईचारा फिर से स्थापित करना है।
उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को एक हलफनामा पेश करने का भी निर्देश दिया कि पिछले दो सप्ताह में नूंह और गुरुग्राम दोनों में कितनी इमारतें ध्वस्त की गई हैं और क्या ध्वस्तीकरण की कार्यवाही से पहले कोई नोटिस जारी किया गया था।
अदालत ने कहा, ‘‘अगर आज ऐसा कोई ध्वस्तीकरण किया जाना है, तो कानून के अनुसार प्रक्रिया का पालन नहीं होने पर इसे रोक दिया जाना चाहिए।’’
अदालत ने इस मुद्दे पर सहायता के लिए वकील क्षितिज शर्मा को 'न्यायमित्र नियुक्त किया। अदालत ने अपने आदेश में कुछ खबरों का हवाला देते हुए कहा कि नूंह और गुरुग्राम में तोड़फोड़ की जा रही है।
अदालत ने कहा, ‘‘यह कार्रवाई इस तथ्य के कारण बताई गई है कि असामाजिक गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों ने अवैध निर्माण किया था। उक्त समाचार से पता चलता है कि अस्पताल के बगल में व्यावसायिक भवन, आवासीय भवन, रेस्तरां के रूप में इमारतें जो लंबे समय से अस्तित्व में थीं, उन्हें बुलडोजर द्वारा गिरा दिया गया है।’’
अदालत ने कहा कि समाचार में यह भी कहा गया है कि गृह मंत्री ने खुद कहा है कि बुलडोजर 'इलाज' का हिस्सा है, चूंकि सरकार सांप्रदायिक हिंसा की जांच कर रही है।’’
शुक्रवार को हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने बुलडोजर के इस्तेमाल पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था, ''जहां भी जरूरत होगी, बुलडोजर का इस्तेमाल किया जाएगा।’’