Odisha: जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए सुरक्षा कड़ी व्यवस्था

डीएन ब्यूरो

करीब पांच लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए पुरी में 17 जनवरी को मंदिर विरासत गलियारा परियोजना के उद्घाटन के लिए पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गयी है जैसा कि वार्षिक रथ यात्रा के दौरान किया जाता है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर
जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर


पुरी: करीब पांच लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए पुरी में 17 जनवरी को मंदिर विरासत गलियारा परियोजना के उद्घाटन के लिए पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गयी है जैसा कि वार्षिक रथ यात्रा के दौरान किया जाता है। 

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक यहां प्रख्यात जगन्नाथ मंदिर की परिधि पुनर्विकास परियोजना ‘श्री मंदिर परिक्रमा प्रोजेक्ट’ (एसएमपीपी) या विरासत गलियारा परियोजना का उद्घाटन करेंगे।

इस भव्य उद्घाटन के लिए अनुष्ठान शुक्रवार को शुरू हो गया।

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक रंजन कुमार दास ने कहा कि मंत्रियों, नेताओं और ‘संतों’’ समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना को देखते हुए तटीय शहर और समुद्र तट के इलाकों में कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, मंदिर और शहर में पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रहेगी।

उन्होंने बताया कि पुरी में रथ यात्रा जैसी सुरक्षा व्यवस्था की गयी है।

पुलिस महानिरीक्षक (सेंट्रल रेंज) आशीष सिंह और पुरी के पुलिस अधीक्षक कंवर विशाल सिंह ने शुक्रवार को पुलिस अधिकारियों को उनकी ड्यूटी तथा जिम्मेदारियों की जानकारी दी।

मंदिर में और उसके आसपास बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया जाएगा जबकि अति विशिष्ट अतिथियों को विशेष सुरक्षा मुहैया करायी जाएगी। भारतीय तट रक्षक और समुद्री पुलिस तट की सुरक्षा करेगी।

पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि 12 से 16 जनवरी तक पुरी में सुरक्षा मुहैया कराने, कानून व व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने तथा यातायात प्रबंधन के लिए पुलिस की 44 से अधिक टुकड़ियों को तैनात किया गया है और प्रत्येक टुकड़ी में 30 कर्मी शामिल हैं। 45 पुलिस अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करेंगे।

यह 800 करोड़ रुपये की परियोजना मंदिर के मेघनाद पचेरी के आसपास विस्तृत, निर्बाध गलियारा सुनिश्चित करेगी और श्रद्धालुओं को 12वीं सदी के मंदिर का उत्कृष्ट दृश्य उपलब्ध कराएगी। इसके साथ ही यह श्रद्धालुओं को कई सुविधा मुहैया कराएगी।










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