हरियाणा में रविवार से आरएसएस की तीन दिवसीय बैठक, सामाजिक समरसता पर किया जाएगा विचार

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का नेतृत्व रविवार से यहां शुरू हो रही तीन दिवसीय वार्षिक बैठक के दौरान देश में सामाजिक समरसता का माहौल बनाने, लोगों को उनके कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के तरीकों पर विचार करेगा।

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समालखा: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का नेतृत्व रविवार से यहां शुरू हो रही तीन दिवसीय वार्षिक बैठक के दौरान देश में सामाजिक समरसता का माहौल बनाने, लोगों को उनके कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के तरीकों पर विचार करेगा।

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि बैठक में वर्ष 2025 के शताब्दी स्थापना दिवस के लिए निर्धारित संगठन विस्तार योजना की भी समीक्षा की जाएगी।

उन्होंने बताया कि आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में इसके प्रमुख मोहन भागवत और महासचिव दत्तात्रेय होसबाले सहित 1,400 से अधिक पदाधिकारी शामिल होंगे।

आंबेकर ने कहा कि भाजपा की ओर से पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और महासचिव (संगठन) बी एल संतोष बैठक में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि आरएसएस से जुड़े 34 संगठनों के पदाधिकारी भी इसमें शामिल होंगे।

प्रतिनिधि सभा आरएसएस में निर्णय लेने वाला सर्वोच्च संस्था है।

आंबेकर ने कहा, ‘‘आरएसएस की शाखाएं वास्तव में समाज में परिवर्तन लाने की वाहक हैं और वे स्वयंसेवकों द्वारा किए गए समाज के अध्ययन के आधार पर अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में इसके लिए काम करती हैं।’’

उन्होंने कहा कि हरियाणा के पानीपत जिला स्थित समालखा में आयोजित तीन दिवसीय बैठक में, पिछले कुछ वर्षों में स्वयंसेवकों द्वारा किए गए अध्ययनों और इस तरह के अध्ययनों के आधार पर किए गए कार्यों पर चर्चा की जाएगी।

आंबेकर ने कहा, बैठक में कई सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर चर्चा होगी, ‘‘विशेष रूप से सामाजिक समरसता का माहौल कैसे बनाया जाए, नागरिकों को उनके कर्तव्य निर्वहन के लिए कैसे प्रेरित किया जाए और उन्हें आत्मनिर्भर कैसे बनाया जाए।’’

उन्होंने कहा कि इस दौरान शाखाओं के कामकाज की समीक्षा भी की जाएगी और भविष्य की रूपरेखा भी तैयार की जाएगी।

आंबेकर ने बताया कि आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शनिवार को होगी, जिसमें देश की मौजूदा परिस्थितियों पर चर्चा की जाएगी और संगोष्ठी में चर्चा के लिए विभिन्न विषयों को प्रस्तावित किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि बैठक में प्रतिनिधि किसी भी मुद्दे को उठाने और अपने अनुभवों को साझा करने के लिए स्वतंत्र हैं।

उन्होंने बताया कि 14 मार्च को बैठक संपन्न होने से पहले प्रतिनिधि सभा कुछ प्रस्तावों को पारित करेगी।

आंबेकर ने कहा, ‘‘वर्ष 2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने स्थापना का 100 साल पूरे करने जा रहा है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा शताब्दी वर्ष विस्तार योजना के तहत वर्ष 2022-23 के कार्यों की समीक्षा करेगी और वर्ष 2023-24 के लिए लक्ष्य निर्धारित करेगी।’’










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