संसद की सुरक्षा में चूक की घटना दर्शाती है कि देश में नौकरी की स्थिति कितनी गंभीर है
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि लोकसभा कक्ष में कूदने वाले युवाओं ने नौकरियों की कमी को उजागर करने के लिए अपना भविष्य और जीवन जोखिम में डाल दिया, जिससे पता चलता है कि देश में स्थिति कितनी गंभीर है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नागपुर: नेता आदित्य ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि लोकसभा कक्ष में कूदने वाले युवाओं ने नौकरियों की कमी को उजागर करने के लिए अपना भविष्य और जीवन जोखिम में डाल दिया, जिससे पता चलता है कि देश में स्थिति कितनी गंभीर है।
सागर शर्मा और मनोरंजन डी. नामक दो लोग बुधवार को शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे और उन्होंने 'केन' से पीला धुआं फैलाते हुए नारेबाज़ी की। हालांकि सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया।
लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम ने ‘केन’ से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’# जैसे नारे लगाए। यह घटना 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमले की बरसी के दिन हुई।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार आदित्य ठाकरे ने यहां विधान भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि उन्हें मीडिया से पता चला है कि सुरक्षा में सेंध लगाने वालों ने नौकरियों की कमी के खिलाफ यह कदम उठाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे पता चलता है कि देश में स्थिति कितनी गंभीर है। इस तरह के कृत्य के परिणामों और उनके जीवन व भविष्य के लिए खतरे का पता होने के बावजूद, वे (लोकसभा में) कूद पड़े।’’
ठाकरे ने कहा कि घटना बहुत गंभीर है और यह पता लगाया जाना चाहिए कि वे सभी सुरक्षा तंत्र और जांच के बावजूद प्रवेश करने में कैसे कामयाब रहे।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ने उन सांसदों के निलंबन की निंदा की जो घटना पर चर्चा की मांग कर रहे थे।
कार्यवाही में बाधा डालने के लिए कम से कम 15 विपक्षी सांसदों को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए संसद से निलंबित कर दिया गया है।
ठाकरे ने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि अगर हमारे सदन में ऐसा कुछ होता है, और हम चर्चा की मांग करते हैं तो हमें निलंबित कर दिया जाएगा। क्या सांसदों को चर्चा करने और जवाब पाने का अधिकार नहीं है?’’