निकाय अधिकारी से पार्षद ने की बदसलूकी, जानिये निष्कासन पर हाई कोर्ट का ये ताजा फैसला

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान व्यापारियों से दुकान बंद करने के लिए कहने पर नगर पालिका के एक अधिकारी के साथ बदसलूकी करने वाले पार्षद को बर्खास्त किये जाने के फैसले को गुजरात उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा है।

Updated : 7 March 2023, 3:57 PM IST
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अहमदाबाद:अप्रैल 2021 में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान व्यापारियों से दुकान बंद करने के लिए कहने पर नगर पालिका के एक अधिकारी के साथ बदसलूकी करने वाले पार्षद को बर्खास्त किये जाने के फैसले को गुजरात उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा है।

ऊंझा नगर पालिका के निर्दलीय पार्षद भावेश पटेल को दिसंबर 2021 में नगर पालिका आयुक्त ने पद से हटा दिया था। एक अधिकारी ने शिकायत की थी कि पटेल ने उनके साथ बाजार में बदसलूकी की, उन्हें अपमानित किया, धमकाया और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।

न्यायमूर्ति निर्झर देसाई ने दो मार्च के आदेश में पटेल को निष्कासित करने के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मुख्य स्वच्छता निरीक्षक के साथ कहासुनी करना, उन्हें काम करने से रोकना और बदसलूकी करना निश्चित रूप से कदाचार है क्योंकि अधिकारी व्यापक जनहित में अपना कर्तव्य का पालन कर रहे थे।

अदालत ने कहा कि गुजरात नगर निकाय अधिनियम की धारा 37 के तहत याचिकाकर्ता (पटेल) के खिलाफ कार्यवाही उचित तरीके से की गयी है।

 

Published : 
  • 7 March 2023, 3:57 PM IST

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